रामनगर- आज कल एक ओऱ जहां गुलदार का खौफ लोगों में है तो वहीं हाथियों ने भी कम उत्पात नहीं मचाया. कभी खुले आम सड़को पर घूमता तो कभी रास्ता रोकना. जी हां अल्मोड़ा के क्यारी गांव से 108 प्रसव पीड़िता को रामनगर ला रही रही थी. तभी हाथियों के झुंड ने रास्ता मोहान जंगल के पास वाहनों का रास्ता रोक दिया। एंबुलेंस करीब एक घंटे तक हाथियों के रास्ता रोकने से महिला वाहन में ही तड़पती रही। हाथियों के झुंड के सड़क से नहीं हटने पर एबुलेंस कर्मी और चालक ने वाहन में महिला की सफल डिलीवरी करा दी।
बुधवार सुबह अल्मोड़ा के ग्राम क्यारी ब्लॉक सल्ट निवासी दीपा को प्रसव पीड़ा हुई। कुछ ही देर में रामनगर अस्पताल से एंबुलेंस 108 पीड़िता के घर पहुंची और दीपा को परिजन रामनगर लेकर रवाना हुए। सुबह करीब आठ बजे काशीपुर-बुआखाल एनएच पर मोहान के पास अचानक जंगल से हाथियों का झुंड आ गया। हाथियों से खतरे की आशंका को देखते हुए चालक कृष्णा ने एबुलेंस को सड़क पर ही रोक दिया। काफी देर तक हाथियों के झुंड के रास्ता नहीं छोड़ने से महिला प्रसव पीड़ा से कराहती रही। चालक ने हॉर्न बजाकर झुंड को रास्ते से हटाने का प्रयास किया, लेकिन हाथी आसपास घूमते रहे।
इस बीच महिला की हालत बिगड़ने लगी। 108 के इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) दीप सत्यवली ने वाहन को सड़क किनारे खड़ा कर महिला का प्रसव कराने का फैसला लिया। करीब 20 मिनट बाद महिला ने वाहन में बच्ची को जन्म दिया। करीब एक घंटे बाद हाथियों का झुंड हटते ही महिला और बच्चे को रामनगर अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉ. राजीव पुनेठा ने बताया कि जच्चा और बच्चा खतरे से बाहर हैं। उन्होंने बताया कि डिलीवरी में देरी होती तो महिला और बच्चे की जान को खतरा हो सकता था।