देहरादून: कोविड-19 यानी कोरोना वासरस के कारण पूरी दुनिया थम सी गई थी। भारत में भी लाॅकडाउन किया गया। हालांकि अब लाॅकडाउन-4 में देश कुछ चलने लगा है। लाॅकडाउन के दौरान कई कहानियां निकलकर सामने आई। अच्छी भी और बुरी भी। ऐसी ही एक चैंकाने वाली कहानी देहरादून में भी सामने आई है। मामला बेहद गंभीर और शर्मनाक है। मामला 900 सौ चादरों के गायब होने, नलों के चोरी होने और टोटियों के निकाल ले जाने का है। लेकिन, जिला प्रशासन ने अब इस समस्या का समाधान खोज निकाला है। देहरादून जिलाधिकारी ने बताया कि अब क्वारंटीन सेंटरों में डिस्पोजल बेड शीट बिछाई जाएगी।
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज को लाॅकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से लौटे लोगों के लिए ट्रांजिट कैंप बनाया गया था। यहां लोगों को रोकर फिर उनके जिलों के लिए बसों से भेजा जा रहा था। अब जब कुछ राहत मिली, तो कुछ चौंकाने वाली तस्वीरें और बातें सामने आई हैं। चैका देने वाले मामले से अधिकारी परेशान और हैरान हैं। ट्रांजिट कैंप से 900 के करीब चादर चोरी हो गई। अधिकारी चोरी हुई चादरों के बदले नई चादरों की व्यवस्था में जुटे हैं।
अधिकारियों को यह भी पता नहीं चल पा रहा कि कौन चादर ले जा रहा है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों के सामान की जांच करना भी संभव नहीं है। चादरें गायब होने का सिलसिला जारी है। ठहरने वाले लोगों से अपील कर रहा है कि ट्रांजिट कैंप को व्यवस्थित रखने में उनका सहयोग करें। इतना ही नहीं संस्थागत क्वारंटीइन सेंटर से टोटियां तक गायब हैं। कंडोली सोना हॉस्टल में बनाए गए संस्थागत क्वारंटीइन सेंटर के पांच कमरों से नल की टोटियां गायब बताई गई हैं।
मीडिया रिपोर्टे भी सामने आई हैं और क्वारंटीन सेंटरों की नोडल अधिकारी मीनाक्षी पटवाल ने भी माना है कि ऐसा हुआ है। उनके मुताबिक प्रशासन अब अपने खर्च पर भरपाई करेगा। उन्होंने बताया कि अधिकतर लोग नियमों का पालन कर रहे हैं। कुछ लोग इस तरह की हरकतें कर रहे हैं। परिस्थितियों को देखते हुए जांच भी नहीं कराई जा रही है। सवाल यह है कि जिन लोगों को सरकार ने इतनी मेहनत से लाया वो लोग ऐसा कैसे कर सकते हैं ?