पिथौरागढ़ : सहीं कहते हैं कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती, दिल में जज्बा और कुछ कर दिखाने की चाहत हो तो इंसान सब कुछ कर सकता है बस जरुरत होती है तो सच्चे लगन और मेहनत की. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पिथौरागढ़ के गंगोलीहांट के चनौली गांव निवासी रिटायर्ड दानी राम ने जो की वर्तमान में चकरपुर बिल्हरी में रह रहे हैं.
79 वर्ष की उम्र में पास की 10वीं
जी हां रिटायर्ड दानी राम ने 79 वर्ष की उम्र में 10वीं पास की है. उन्होंने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से 10वीं की और प्रथम आए। इससे दानी राम समेत पूरे परिवार मे खुशी का माहौल है।
30 नवंबर 1995 को हुए थे भर्ती
दानी राम ने बताया कि उनका जन्म 18 नवंबर 1940 को हुआ था और वो 30 नवंबर 1995 को सीआरपीएफ से सूबेदार मेजर के पद से रिटायर्ड हुए. बताया कि 8वीं पास करने के बाद वह साल 1960 में तब की टेरीटोरियल आर्मी आईआर बटालियन में भर्ती हुए, जो नेफा में तैनात थी और अंग्रेजों के दौर में पंजाब रेजीमेंट में शामिल थी। बाद में यह सीआरपीएफ बना दी। इसके बाद वो 21 बटालियन नेफा अरुणांचल में तैनात रहे। साल 1968 में बटालियन में थर्ड क्लास पास कर लैस नायक, वर्ष 1969 में सेकंड क्लास पास कर हवलदार, 1971 में प्रथम क्लास पास कर सब इंस्पेक्टर व 1995 में 28 बटालियन सीआरपीएफ मद्रास से सूबेदार मेजर पद से सेवानिवृत्त हुए।
तो आज असिस्टेंड कमांडेंट के पद से रिटायर्ड होते…
उनकी चाह आगे बढ़ने की थी. उनका नाम 1993 में असिस्टेंड कमांडेंट के लिए आया लेकिन 10वीं पास होने के कारण वो उसे न पा सके. तब से लेकर अब तक उनके मन में वहीं घर कर गया कि काश अगर वो 10वीं पास होते तो आज वो असिस्टेंड कमांडेंट पद से रिटार्यड होते.
10वीं में इतने अंक किए हासिल
बता दें कि दिसंबर में आए परिणाम में रिटायर्ड सैनिक दानी राम ने 500 पर 303 अंक हासिल कर 60.6 प्रतिशत अंक के साथ प्रथम श्रेणी में हाईस्कूल पास किया है।
रिटायर्ड दानी राम के तीने बेटे हैं जिसमें एक बेटा बलबीर प्रसाद सीआरपीएफ, दूसरा बेटा राजकुमार आरपी रेजीमेंट में सूबेदार औऱ तीसरा बेटा कौशल किशोर दिल्ली पुलिस के फायर ब्रिगेड में इंजीनियर के पद पर है. उनके मन मे यही मलाल था कि अगर वो दसवीं पास होते तो शायद वो उस दौरान असिस्टेंड कमांडेंट बन जाते लेकिन जो भी हो वो कसम उन्होंने आज पूरी करली.