देहरादून: उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार ने 2019-20 को रोजगार वर्ष घोषित किया था। त्रिवेंद्र सरकार की अब तक की यह बड़ी उपब्धि रही है कि बातों से ज्यादा काम पर फोकस किया। यही कारण है कि सीएम ने जो भी वादा किया, उसे धरातल पर भी उतारा। त्रिवेंद्र सरकार ने रोजगार का जो वादा किया था, उसे भी पूरा कर दिखया। अपने 4 साल के कार्यकाल में त्रिवेंद्र सरकार ने 7 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया।
त्रिवेंद्र सरकार का दावा है कि चार साल के कार्यकाल में अभी तक 7 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया है, जिसमें सरकारी और गैर सरकारी में स्थाई और अस्थाई रूप से लोगों को काम मिला है। कोरोना काल में त्रिवेंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई स्वरोजगार योजना से युवा और प्रवासियों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। सरकार की ये योजना लोगों की आर्थिकी का सहारा बनी। कई लोगों ने अपने काम शुरू किए तो कई लोगों को उस काम से रोजगार मिला।
सरकार के दावों के मुताबिक इन चार सालों में चिकित्सा विभाग में 3 हजार 282 पदों पर भर्ती हुई है, उच्च शिक्षा विभाग में 1247 पद भरे गए, तकनीकि शिक्षा के लिए 473 पदों पर भर्ती हुई, वही ग्रामीण विकास विभाग में 1लाख 53 हजार360 पदों पर भर्ती की गई, परिवाहन विभाग में 58 हजार 78 पदों पर भर्ती हुई और उद्योग विभाग में 1लाख 60 हजार 675 पद भरे गए। पेयजल विभाग और पर्यटन विभाग में 41 हजार 630 पद, कौशल विकास व सेवायोजना में 30 हजार 102 पदों पर भर्ती हुई।
इसी तरह लगभग सभी विभागों में खाली पड़े पदों में से कई पर भर्तियां की गई हैं। 2020 में युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंन्द्र सिंह रावत ने सभी विभागों में नए पदों का सृजन कर युवाओं को रोजगार दिया है और सरकार की माने तो रोजगार के आंकड़ो को में अभी ओर भी बढ़ोतरी होगी।