देहरादून : ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे..ये गाना तो सबने सुना होगा लेकिन ये गाना साकार करता दिखे उत्तराखंड के तीन दोस्त चिन्मय, अनुपम और आकाश के साथ। तीनों ने साथ पढ़ाई की और साथ ही सेना में अफसर बने। बस अब गम है तो अलग-अलग जगह तैनाती मिलने से बिछड़ने का।
आपको बता दें कि रुद्रप्रयाग के मयकोटी गांव निवासी लेफ्टिनेंट चिन्मय शर्मा, गुप्तकाशी के लेफ्टिनेंट आकाश सजवाण और हल्द्वानी के लेफ्टिनेंट अनुपम नयाल पिछले 11 सालों से एक दूसरे के जिगरी यार हैं। हर सुख दुख के भी तीनों साथी हैं।
जानकारी मिली है कि पहली बार तीनों की मुलाकात सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में छठवीं कक्षा में प्रवेश के वक्त हुई। चिन्मय ने बताया कि पढ़ाई के दौरान आकाश उनके हाउस में बगल में ही रहा करते थे। दोनों घर की बातें किया करते थे और घर को याद किया करते थे। वहीं अनुपम से उनकी दोस्ती क्लास में दौरान हुई
आखिरकार संयोग ऐसा बना कि तीनों ने पहली बार मे ही एनडीए की परीक्षा पास कर ली। एनडीए में कड़े प्रशिक्षण के बाद आइएमए का सफर भी साथ तय किया।बस दुख है तो इस बात का कि अब तीनों बिछड़ गए लेकिन वो कहीं भी पोस्टिंग रहे फोन से कनेक्ट रहेंगे औऱ ये दोस्ती कभी नहीं तोड़ेंगे।