कोरोना ड्यूटी में तैनात कर्मचारी को गर्भवती पत्नी की देख भाल के लिए छुट्टी ना मिलने से कल देर सायं पत्नी की अचानक तबियत खराब होने के बाद गर्भ में ही दोनों की मौत होने का मामला सामने आया है। पीड़ित व्यक्ति ने अधिकारियों पर जान बूझ कर छुट्टी ना देने का आरोप लगाया है। जबकि जुलाई से अब तक वह तीन बार पत्नी के स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए छुट्टी के लिए प्राथना पत्र डेम दफ्तर में दे चूका है।
पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय में इंसानियत को शर्मशार करने का मामला सामने आया है। जहाँ पर क्वॉरेंटाइन सेंटर में तैनात पन्तनगर विवि के कर्मचारी को गर्भवती पत्नी की देखभाल को छुट्टी ही नही दी गयी। कल रुद्रपुर के निजी अस्पताल में गर्भ में ही जुड़वा बच्चो ने दम तोड़ दिया। दरअसल पन्तनगर विवि को जिला प्रशासन द्वारा क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है। जिसमे विवि के कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है। दो माह पहले सीबीएसएच कॉलेज में प्रधान सहायक पद पर तैनात अनुराग शर्मा की ड्यूटी क्वॉरेंटाइन सेंटर में लगा दी गयी थी। घर में गर्भवती पत्नी की देख भाल के लिए कोई भी मौजूद नही था। पिछले 20 दिनों से उनकी पत्नी को तकलीफ होने लगी थी। जिसको लेकर अनुराग द्वारा डेम दफ्तर में छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया गया था। लेकिन कल देर सायं तकलीफ बढ़ने के बाद अनुराग द्वारा पत्नी को रुद्रपुर के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। लेकिन अत्यधिक रक्त स्त्राव होने के चलते गर्भ में ही दोनों बच्चो की मौत हो गयी। जैसे ही खबर सहकर्मियों को पता लगी तो उन्होंने वीसी के आवास का घेराव कर दिया। बाद में सहकर्मचारियों को समझा बुझा कर भेज दिया गया।
वहीं अनुराग द्वारा आरोप लगाते हुए कहा कि डेम द्वारा उन्हें जान बूझ कर छुट्टी नही दी है। उनके द्वारा जुलाई माह में दो बार जबकि एक सप्ताह पहले भी छुट्टी के लिए प्राथना पत्र दिया गया था। लेकिन एक कर्मचारी की पीड़ा को कोई अधिकारी समझना ही नही चाहता है।