देहरादून: त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने उत्तराखंड में आश्रमों, धर्मशालाओं और मठों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने 2036 तक के लिए इनको विशेष छूट दी है। एनजीटी ने आश्रमों, धर्मशालाओं और मठों पर प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड के द्वारा हर साल बोर्ड में रजिस्ट्रेशन के लिए रिन्यूअल करने और समहति शुल्क जामा करने का फैसला सुनाया था।
इस फैसले के बाद प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड ने 31 दिसम्बर तक आश्रमों, धर्मशालाओं और मठों को रजिस्ट्रेशन करने के साथ ही सहमति शुल्क जमा करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, त्रिवेंद्र सरकार बड़ा कदम उठाते हुए 2036 तक रजिस्ट्रेशन न करने की छूट दे दी है।
साथ ही जो सहमति शुल्क आश्रमों, धर्मशालाओं और मठों को जमा करना था। उसे सरकार खुद भरेगे। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि हरिद्वार और ऋषिकेश में आश्रम, धर्मशालाएं और मठ ज्यादा हैं। सरकार ने इनको छूट दी है। इससे सभी को बड़ी राहत मिलेगी।