देहरादून- सीएम त्रिवेंद्र रावत के जनता दरबार में अपने ट्रांसफर की मांग को लेकर हंगामा करने वाली शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा मामले पर त्रिवेंद्र सरकार पूरे तरीके से बैकफुट पर नजर आ रही है. उत्तरा के हंगामे से पूरी भाजपा सरकार औऱ संगठन चित हो गया है. यही वजह है कि कोई भी उत्तरा बहुगुणा के मामले पर कपछ बोलने से कतरा रहा है या यूं कहें की खुलकर सामने नहीं आ रहा है.
शिक्षा मंत्री निकालेंगे मामले का हल
उत्तरा बहुगुणा मामले को लेकर जहां उत्तराखंड की सियासत में खूब हंगामा देखने को मिल रहा है तो वहीं इस हंगामे को थामने की जिम्मेदारी अब शिक्षा मंत्री अरविंद पाडेय के कंधों पर आ टिकी है जिन्होंने उत्तरा बहुगुणा को फोन कर उचित न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया है. खुद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने इसकी पुष्टि प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी है कि सीएम ने उन्हे फोन कर समाधान ढूंढने के लिए नियुक्ति किया है.
कल मिलेंगे शिक्षा मंत्री उत्तरा बहुगुणा से
राज्य के शिक्षा मंत्री कई दिनों से छुट्टी पर होने के चलते देहारदून से बाहर थे जिसकी वजह से वह अभी उत्तरा बहुगुणा को नहीं मिल पाए. लेकिन कल शिक्षा मंत्री देहरादून पहुंचेंगे औऱ उत्तरा बहुगुणा से मिलेंगे. मुलाकात के बाद ही ये साफ हो पाएगा कि आखिर शिक्षा मंत्री उत्तरा को किस तरीके से न्याय दिलाएंगे. इसी कड़ी में आज शिक्षा विभाग के निदेशक अर.के कुंवर भी उत्तरा बहुगुणा के आवास पहुंचे और उनसे मुलाकात की.मुलाकात में शिक्षा महानिदेशक ने शिक्षा मंत्री के आदेश पर निर्णय लेने का आश्वासन दिया है. औऱ कल मुलाकात करने की बात कही है.
ट्रांसफर से नहीं अटैचमेंट से निकलेगा समाधान
उत्तरा बहुगुणा का तबादला किसी भी सूरत में तबादला एक्ट लागू होने की वजह से देहरादून में नहीं सकता है.लेकिन हमारे सूत्रों की माने तो अगर उत्तरा बहुगुणा को सरकार ने चाहा तो अटैचमेंट कर देहरादून लाया जा सकता है औऱ सरकार के पास इसके अलावा कोई रास्ता नहीं बचा हुआ है.
भाजपा नेता पीट रहे इस बात का ढिंढोरा
वहीं पूरी भाजपा नेता इस बात को ढोल पीट-पीट कर कह रही है कि अगर उत्तरा बहुगुणा ने ट्रांसफर की जगह अटैचमेंट की बात सीएम से कही होती तो हो सकता था जनता दरबार में उसका भी समाधान निकलता लेकिन उत्तरा बहुगुणा ने जो अर्जी सीएम के दरबार में लगाई थी उसमें उत्तरा ने ट्रांसफर के साथ किसी भी अन्य व्यवस्था के तहत देहरादून में सेवाएं देने की बात कही है जिसका अर्जी में उल्लेख है.
उत्तरा बहुगुणा के साथ पूरे उत्तराखंड औऱ पूरे देश की जनता की नजरें इस बात पर गढ़ी हुई है कि आखिर इतना हंगामा होने के बाद क्या सरकार उनके साथ न्याय करेगी औ अगर न्याय करती है क्या वह न्याय का तरीका अटैचमेंट ही होगा.. साथ ही बिन बताए स्कूल से एक साल से अनुपस्थित चल रही उत्तरा पर विभाग की कोई कार्यवाही जांच के बाद भी देखने को मिलेगी जो विभाग ने बैठा दी है.