नई दिल्ली । सिंगल यूज प्लास्टिक पर 1 जुलाई 2022 से देश भर में लगने जा रहे प्रतिबंध की तैयारियों के बीच सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट की ‘स्टेट आफ इंडियाज एन्वायरमेंट रिपोर्ट 2022’ चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे हैं। बता दें कि प्लास्टिक निर्भरता को देखते हुए यह प्रतिबंध लगाना इतना आसान नहीं होगा। क्योंकि जो तथ्य सामने आए हैं वो चौंका देने वाले हैं। 30 सालों में प्लास्टिक के प्रयोग जितना हुआ है वो चौका देने वाला है।
हम बाजार जाते हैं तो खरीददारी का अधिकतर सामान दुकानदार प्लास्टिक की पॉलिथीन में ही देता है। सब्जी हो या दाल या कुछ और सामान दुकानदार प्लास्टिक का प्रयोग ही करते हैं हालांकि उनका चालान भी काटा जाता है लेकिन इसका प्रयोग रोकना इतना आसान नहीं है। बता दें कि रोजाना निकलने वाले प्लास्टिक कचरे के आंकड़े इस पर शहरों की निर्भरता को बखूबी बयां करते हैं। महानगरों की स्थिति तो और भी खराब है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में हर रोज 25 हजार 950 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। वायु प्रदूषण के साथ-साथ दिल्ली इस मामले में भी पहले नंबर पर है जहां रोजाना 689.8 टन प्लास्टिक कचरा निकल रहा है। कोलकाता दूसरे जबकि चेन्नई तीसरे नंबर पर है। यहां रोज क्रमश: 429.5 और 429.4 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है।