सौर उर्जा के क्षेत्र राज्य को अग्रणी बनाने की सरकार की कोशिशों का राज्य के अधिकारी ही पलीता लगा रहें हैं। हालात ये हैं कि रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए चयनित लोगों को महीनों से छूट का लाभ नहीं दे पाए। हालात ये हुए कि केंद्र की ओर से मिली सब्सिडी भी चयनित लोगों को वापस करनी पड़ी है। इस बात से नाराज लोगों ने अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
मंगलवार को अक्षय उर्जा एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने राज्य के सरकारी अधिकारियों के इस कारनामें का खुलासा किया। पदाधिकारियों की मानें तो रूफ टॉप सोलर पॉवर प्लांट योजना के तहत सोलर प्लांट लगाने के लिए राज्य से 93 लोगों का चयन हुआ। इस योजना के तहत 70 फीसदी सब्सिडी केंद्र सरकार से मिलनी थी जबकि 30 फीसदी राज्य सरकार को देना था। केंद्र ने 70 फीसदी की सब्सिडी तो जारी कर दी लेकिन राज्य से मिलने वाली 30 फीसदी की सब्सिडी नहीं जारी हुई। काम शुरु न होने की दशा में अब चयनित लोगों को केंद्र की ओर से मिली 70 फीसदी की सब्सिडी भी वापस करनी पड़ी है।
अक्षय उर्जा एसोसिएशन के पदाधिकारियों के मुताबिक इस पूरे खेल में उरेडा के अधिकारियों की मिलीभगत है। यही वजह है कि अब एसोसिएशन ने कोर्ट में अपनी बात रखी है।