किसी आम आदमी के साथ ठगी या फर्जीवाड़ा हो तो एक बार के लिए समझा जा सकता है लेकिन अगर ठगी एक ऐसी महिला के साथ हो जाए जो न सिर्फ तेज तरार हो बल्कि महिला पुलिस अधिकारी और लेडी सिंघम के नाम से मशहूर तो इसे आप कैसे समझेंगे। लेकिन ऐसा हुआ है वो भी उस अधिकारी के साथ जिससे अपराधी थर-थर कांपते हैं। ये अधिकारी है उत्तर प्रदेश की डिप्टी एसपी श्रेष्ठा ठाकुर,जिनकी प्रोफेशलन लाइफ भले ही लेडी सिंगम के नाम से जानी जाती है लेकिन शादी के नाम पर डिप्टी एसपी मैडम के साथ ऐसी ठगी हुई कि एक ठग ने इनकी निजी जिंदगी को कंपन में डाल दिया है।
2018 में मैट्रोमोनियल साइट में मिला रोहितराज
ये बात है साल 2018 की जब डिप्टी एसपी मैडम श्रेष्ठा ठाकुर ने मैट्रोमोनियल साइट पर अपने लिए जीवनसाथी की तलाश की और उन्हें साइट पर रोहितराज नाम का एक शख्स मिला जिसने खुद को 2008 बैच का IRS अफसर बता रखा था। यह भी लिखा था कि वह झारखंड की राजधानी रांची में तैनात हैं। महिला अधिकारी ने जब इसे वैरिफाई किया तो रांची में इस नाम के अधिकारी की पोस्टिंग थी। ठग ने एक जैसे नाम होने का फायदा उठाया और इस तरह दोनों की शादी तय हो गई और शादी के बाद में पता चला कि पति कोई अफसर नहीं है। उसने स्वयं के बारे में गलत जानकारी दर्ज की हुई थी।
शादी के दो साल बाद लिया तलाक
हालांकि श्रेष्ठा ठाकुर ने लोकलाज के डर से और शादी बचाए रखने के लिए चुप्पी साधे रखी और किसी को कुछ नहीं बताया लेकिन आरोपी ठग अपनी पत्नी श्रेष्ठा ठाकुर के नाम से लोगों को डरा धमकाकर पैसों की वसूली करने लगा। जब ये हरकतें बढ़ने लगी तो शादी के दो साल बाद श्रेष्ठा ठाकुर ने धोखेबाज पति से तलाक ले लिया।
श्रेष्ठा ठाकुर को दी जान से मारने की धमकी
तलाक लेने के बाद भी आरोपी ठग पति रूका नहीं और जहां भी महिला अधिकारी की पोस्टिंग हुई वहां आकर उसने अपनी पत्नी के नाम पर लोगों से पैसे की वसूली जारी रखी। साथ ही महिला अधिकारी को भी जान से मारने की धमकी दी। ऐसे में महिला अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर ने गाजियाबाद के कौशांबी में अपने पूर्व पति पर केस किया और फिर पुलिस ने मामले की जांच की जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
2012 में की यूपी पीसीएस की परीक्षा पास
बता दें कि महिला अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर कानपुर की रहने वाली हैं। साल 2012 में उन्होनें यूपी पीसीएस की परीक्षा पास की और पुलिस में डीएसपी बन गई। पुलिस फोर्स ज्वाइन करने के बाद अपने त्वरित एक्शन और केस सुलझाने की तार्किक क्षमता की वजह से उन्हें उत्तर प्रदेश में तेज तर्रार पुलिस अफसरों में गिना जाता है।