नई दिल्ली : MTNL में 44 साल तक नौकरी करने के बाद रिटायर्ड कर्मचारी के खिलाफ अब CBI ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। सेवानिवृत्त कर्मचारी पर 44 साल पहले एमटीएनएल में नौकरी और दिल्ली में घर पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाणपत्र का इस्तेमाल करने का आरोप है। इसकी वजह से उसे ST कोटा में नौकरी मिल गई। इस मामले की जांच अब CBI कर रही है।
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में फर्जी अभिलेखों से नौकरी पाने वाले 25 शिक्षकों को सोमवार को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया। ये शिक्षक वर्ष 2011 में टीईटी फेल होने पर फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी कर रहे थे। शासन के आदेश पर एडीएम की अध्यक्षता में गठित समिति ने जांच में प्रमाणपत्रों को फर्जी पाया था।
प्रमाणपत्र संदिग्ध मिलने पर 12 शिक्षकों का वेतन रोका गया था। शासन ने अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जांच समिति गठित करके वर्ष 2010 के बाद नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच के आदेश दिए थे। करीब सालभर से इन शिक्षकों की जांच चल रही थी। जांच के दौरान वर्ष 2013 और वर्ष 2016 में नियुक्ति पाने वाले 25 शिक्षकों के टीईटी प्रमाणपत्र फर्जी मिले थे।
इसके अलावा 12 शिक्षकों के प्रमाणपत्र भी संदिग्ध मिले। इनका वेतन बीएसए ने फिलहाल रोक दिया है। वहीं, जांच रिपोर्ट के आधार पर 25 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। बीएसए कल्पना सिंह ने बताया कि बर्खास्त शिक्षकों से सरकारी धन की वसूली के साथ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।