एक समय था जब रामलीला के मंचन में एक भी महिलाएं नहीं दिखाई देती थी। सभी किरदारों को पुरुष ही किया करते थे। लेकिन अब समय बदल गया है और अब महिलाएं भी रामलीला में हिस्सा ले रही हैं। राम से लेकर रावण तक का किरदार निभा रही है। लेकिन भारत में एक जगह ऐसी भी है जहां की रामलीला में एक भी पुरूष नहीं होता। सभी किरदारों को महिलाएं निभाती है। राम बनना हो या रावण या फिर हनुमान या फिर मेघनाथ सभी किरदारों को महिलाएं निभाती है।
महिलाओं की ये रामलीला होती है छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में जहां कई गांवों में आज लड़कियां राम- रावण का वेश धारण कर अपनी कला से लोगों को मंत्र मुग्ध कर रही हैं। जिले के ग्राम टेकापार, गोरकापार, गंगोरीपार, निपानी, परसवानी की बालिकाएं रामलीला की बागडोर संभाले हुए हैं। गुरुर ब्लाक के ग्राम गंगोरीपार में विगत दो वर्षों से यहां की बालिकाएं रामलीला का मंचन सराहनीय ढंग से कर रही है। रामलीला मंचन की प्रस्तुति के दौरान निकाली जाने वाली झांकी और शोभायात्रा भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है।
गावं वाले भी महिलाओं के किरदार से खुश
वहीं रामलीला मंडली के पदाधिकारों ने बताया कि इन बालिकाओं के उत्साह को देखते हुए अब फैसला लिया गया है कि अब पुरूषों के बजाय बालिकाओं को ही पात्र दिया जाएगा। गांव वाले भी महिलाओं के आत्मविश्वास और कला को देख काफी खुश है और उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं।