देहरादून नगर निगम के वार्ड संख्या 64 के निकाय चुनाव की मतदाता सूचि में पार्षद प्रत्याक्षी दीप्ति रावत बिष्ट ने राजनीतिक षड्यंत्र के तहत मतदाता सूची में नाम न होने पर निर्वाचन आयुक्त को ज्ञापन सौपा है।
राजनीतिक षड़यंत्र के तहत गायब किया नाम
दीप्ति रावत बिष्ट का कहना है की उनका नाम मतदाता सूची से राजनीतिक षड़यंत्र के तहत गायब किया गया है। जिसके लिए उन्होंने निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट को ज्ञापन सौपा है। बता दें कि नगर निगम देहरादून के वार्ड नंबर 65, जहाँ से उन्होंने पार्षद पद के लिए नामांकन किया था वही उनका जन्मस्थान है। उनके आस पास के सभी घरों के निवासियों का नाम मतदाता सूचि में है जबकि उनके घर से बीएलओ का घर मात्र 5 घरों की दूरी पर है, और इसी गाँव में होने की वजह से वह उन्हे बचपन से जानता है। इसके बावजूद उनका नाम मतदाता सूचि से गायब है।
क्षेत्र के नागरिकों ने उन्हे चुनाव में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया
दीप्ति रावत ने कहा कि वह 20 वर्षों से इसी क्षेत्र में सामजिक कार्य कर रही और बड़े-छोटे राजनीतिक दलों से दूरी बनाते हुए शराब-खनन व भू माफिया के कुत्सित इरादों के खिलाफ आंदोलनरत रही। इसीलिए क्षेत्र के नागरिकों ने उन्हे चुनाव में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसकी पुष्टि सोशल मीडिया में अपनी दावेदारी की पोस्ट शेयर करने पर मिले समर्थन से हुई। इस षड्यंत्र के विरुद्ध उन्होंने पहले भी कई प्रयास किए। कई अधिकारियों को शिकायत पत्र सौंपा लेकिन सबने आचार संहिता का हवाला देकर मामले को टाल दिया। कोई कार्यवाही नहीं की गई। एक बार फिर निर्वाचन आयुक्त द्वारा मामले कि जांच का बयान जारी होने के बाद अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
वार्ड नंबर 65 में फिर से चुनाव कराने की मांग
उन्होंने कहा कि यह मेरे नागरिक अधिकारों का हनन है और इस तरह की वारदातें हमारे लोकतंत्र के लिया भी खतरा है। मैं समझती हूँ, यदि लोकतंत्र के उत्सव में जनता की शक्तियों का इस तरह दमन किया जाएगा तो निर्वाचन आयोग के अस्तित्व पर भी प्रश्न है। इसकी जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि मैं यह भी मांग करती हूँ, कि नगर निगम देहरादून के वार्ड नंबर 65,जहाँ से मैंने पार्षद पद के लिए नामांकन किया था, में फिर चुनाव की व्यवस्था की जाय।