देहरादून: इन दिनों देशभर में लोकसभा चुनाव का सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। अंतिम दो चरणों की लड़ाई बाकी है। पांच चरणों के वोट पहले ही डाले जा चुके हैं। नेताओं का भाग्य मतदाता ईवीएम में कैद कर चुके हैं। मध्यप्रदेश में 12 मई को वोट डाले जाने हैं। साफ है कि वहां सियासी गहमागहमी कुछ ज्यादा होगी। भाजपा का हर बड़ा नेता मध्यप्रदेश में साध्वी को जिताने के लिए ताकत झोंके हुए है, लेकिन मध्यप्रदेश ही नहीं, देशभर में भाजपा का बड़ा चेहरा उमा भारती सियासी घमासान से दूर गंगोत्री पहुंच गई हैं। वो यहीं रहकर अगले दो दिनों तक साधना करेंगी।
उमा भारती आज गंगोत्री पहुंची हैं और अलगे दो दिनों तक उनका यहीं रहकर साधना करने का कार्यक्रम है। उनके इस तरह से चुनाव के बीच मध्यप्रदेश छोड़कर उत्तराखंड आ जाना सवाल खड़े करता है। उमा भारती ने कुछ दिनों पहले ही साध्वी प्रज्ञा को जिताने का संकल्प लिया था। लेकिन अब जब मध्यप्रदेश में संत भी खेमों में बंट गए हैं। उमा भारती गंगोत्री पहुंच गई। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।
गंगोत्री आने को लेकर अब तक उमा भारती ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। माना जा रहा है कि उमा भारती मध्यप्रदेश में चल रही उठापटक से नाराज हैं। इसलिए उन्होंने खुद को राजनीति से दूर कर लिया है। भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा के प्रचार को लेकर ऐसी भी खबरें सामने आई थी, जिनमें कहा गया था कि बड़े नेता साध्वी का प्रचार नहीं कर रहे हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो उमा भारती भी उन्हीं नेताओं में शामिल थी, लेकिन उन्होंने पार्टी हाईकमान की बात मानकार साध्वी के पक्ष में प्रचार किया था, हालांकि अब उन्होंने चुनावी शोर थमने से ठीक पहले फिर से दूरी बना ली है।
गंगोत्री में उमा भारती का दो दिन का कार्यक्रम बताया गया है। इससे एक बात तो साफ है कि अब वे केवल वोट डालने ही मध्यप्रदेश जाएंगी। दरअसल, एमपी में 12 मई को वोट डाले जाएंगे। आज आठ मई है। दो दिन यहां रहने का मतलब है कि उमा भारती 11 मई को ही मध्यप्रदेश पहुंचेंगी और 12 मई को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगी। हालांकि अब तक इन अटकलों को लेकर कोई आधिकारिक पुष्ट नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है।