हलद्वानी में आज 27 मई को उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व केन्द्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने 2001-2002 और उसके बाद में भर्ती पुलिस कर्मियों को 20 वर्ष पूरे होने के उपरांत भी प्रदेश सरकार द्वारा 4600 ग्रेड पे के स्थान पर 2800 ग्रेड पे दिए जाने के विरोध में अपने आवास में एकदिवसीय उपवास पर बैठे। साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार से पुलिस कर्मियों को शीघ्र 4600 ग्रेड दिए जाने के साथ-साथ भविष्य में रिटायर होंने वाले पुलिस कर्मियों को पेंशन एवम सप्ताह में एक दिन की छुट्टी देने की मांग भी की ताकि पुलिस कर्मी भी सप्ताह में एक दिन अपने परिवार के साथ आराम से रह सके।
एकदिवसीय उपवास पर बैठते हुए उक्रांद के पूर्व केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने कहा कि इस कोरोना बीमारी की दूसरी लहर में पुलिस कर्मी प्रथम पंक्ति के कोरोना वारियर्स के रूप में प्रदेश की आम जनता की सेवा कर रहे हैं मगर पुलिसकर्मियों की मांगों एवम आवश्यकताओं पर सरकार द्वारा कोई विचार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने ने कहा कि 2001-2002 और उसके बाद भर्ती सभी पुलिस कर्मियों को पुलिस में सेवा देते हुए 20 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं ऐसे में इन सभी पुलिस वालों को 4600 रुपये ग्रेड पे दिया जाना चाहिए लेकिन वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा 2800 रुपये ग्रेड पे दिया जा रहा है जो कि पुलिस कर्मियों के साथ नाइंसाफी है और पूरी तरह से अनुचित है जिसका वो और उनकी पार्टी उक्रांद पूर्ण रूप से विरोध करती है और प्रदेश सरकार से मांग करती है कि अतिशीघ्र ही ग्रेड पे 4600 रुपये किया जाय और यही प्रथम पंक्ति के कोरोना वॉरियर्स के रूप में पुलिसकर्मियों का सच्चा सम्मान होगा। वहीं पूर्व केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने साथ में सरकार से मांग की कि भविष्य में रिटायर होने वाले सभी पुलिस कर्मियों की पेंशन लागू हो और वहीं पुलिस कर्मियों से सप्ताह में सातों दिन काम लिया जाता है जिससे वे अपने परिवार को समय नहीं दे पाते इसलिये सप्ताह में एक दिन की छुट्टी सभी पुलिस कर्मियों को मिलनी चाहिए। वहीं पूर्व केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि जो भी पुलिस कर्मी कुम्भ से लौटकर कोरोना पॉजिटिव हुए हैं उनका सारा खर्च प्रदेश सरकार तत्काल प्रभाव से वहन करें और सभी पुलिस कर्मियों के हित में ऐसे कदम उठाए जाएं कि पुलिस कर्मी मानसिक एवम शारिरिक तनाव से दूर रहें।
उन्होंने सरकार को ध्यान दिलाया कि ज्यादातर पुलिस कॉन्स्टेबल को जमीनी स्तर पर पब्लिक के बीच में रहना पड़ता है और कहीं भी कॉन्स्टेबल कार्य या दबिश में जाते हैं तो उन्हें अपना खर्चा करना पड़ता है जिससे कॉन्स्टेबल का शोषण होता है जिसे पर सरकार तत्काल ध्यान दे और कॉन्स्टेबल का शोषण होने से रोके।
पूर्व केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने कहा कि पुलिस के जवान ना तो सही टाइम पर खाना खा सकते हैं और ना ही सही टाइम पर सो सकते हैं क्योंकि वे स्वयं पुलिस फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं। उनके पिताजी भी पुलिस में थे इसलिए वे पुलिस के जवानों का दर्द अच्छे ढंग से जानते हैं। उन्होंने कहा कि 3 मई को कमेटी का गठन हुआ था लेकिन उस कमेटी ने अभी तक एक भी बैठक नहीं की कांस्टेबल से लेकर सब इंस्पेक्टर तक के पद समूह ग के पद हैं तो फिर प्रमोशन को लेकर अलग-अलग पैमाना कैसे हो सकता है।
पूर्व केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन किया जाने की मांग उठाई, वहीं सरकार को चेताते हुए सुशील उनियाल ने कहा कि 20 साल से सरकार ने पुलिसकर्मियों को प्रमोशन नहीं दिया उल्टा उनके ग्रेड पे की कटौती की जा रही है। 28 मई को कैबिनेट की बैठक में पुलिस कर्मियों के ग्रेड पर को लेकर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो आगे आंदोलन का रास्ता होगा।