देहरादून: चारधाम यात्रा में हवाई सेवा के टेंडर शुरू से ही विवादों में रही है। मामला हाईकोर्ट भी गया था। हालांकि बाद में सरकार को वहां से राहत मिल गई थी, लेकिन अब नया मामला सामने आया है। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (यूकाडा) ने उस कंपनी को उड़ान की अनुमति दी है, जिसे टेंडर ही नहीं मिला। जबकि जिस कंपनी के नाम टेंडर निकला, उसे उड़ान की अनुमति ही नहीं दी जा रही। इससे सफिर से यूकाडा और नागरिक उड्डयन विभाग सवालों के घेरे में है।
यूकाडा ने अस्थाई तौर पर एक कंपनी को तीन दिन के लिए उड़ान की अनुमति दी थी। शर्त ये थी कि दूसरी कंपनी को टेंडर मिलने के बाद सेवा बंद कर दी जाएगी, लेकिन यूकाडा ने ऐसा नहीं किया। यूकाडा ने इसके एकदम विपरीत किया। यूकाडा ने बगैर टेंडर के उड़ान भर रही कंपनी की सेवाएं तो जारी रखी, लेकिन जिस कंपनी के नाम टेंडर निकला। उसको उड़ान की अनुमति ही नहीं दी जा रही है। जबकि केदारनाथ के लिए हवाई सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं।
टेंडर के लिए चार कंपनियों ने आवेदन किए थे। जिनमें से पिनेकल और हैरीटेज का रेट सबसे कम था। पिनेकल कंपनी ने ऑनलाइन आवेदन में गलत जानकारियों दे दी थी, जिसके बाद यूकाडा ने हेरीटेज को उड़ान की अनुमति देने का आदेश जारी कर दिया था, लेकिन फिर अचानक से यूकाडा ने आदेश पर रोक लगाकर फिर से पिनेकल को उड़ान की अनुमति दे दी।