हल्द्वानी: शहर के दो युवाओं ने लीकेज से होने वाले पेयजल की बर्बादी रोकने के लिए वेब एप तैयार है। ‘नैनीताल वाटर क्लब’ नाम से तैयार एप की मदद से पानी के लीकेज को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। साल-दर-साल गहराते पेयजल संकट से निपटने में ये तकनीक मददगार साबित हो सकती है।
नैनीताल के दक्ष शर्मा और टिहरी निवासी सचिन उनियाल ने किया ये एप तैयार
नैनीताल के सौभाग्य उर्फ दक्ष शर्मा (26 वर्ष) और टिहरी निवासी सचिन उनियाल (24 वर्ष) ने ये एप तैयार किया है। इंटरनेशनल डिजाइन इमेजिनियरिंग एंड एन्वायरमेंटल कोरम (आइडाइक) नाम से काम करने वाले दोनों युवाओं को पर्यावरण संरक्षण व प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए काम करने वाले देशभर के कई विशेषज्ञ भी अपने अनुभव आदान-प्रदान करते हैं। युवाओं का दावा है कि एप की मदद से पानी की बर्बादी काफी हद तक रोकी जा सकती है। साथ ही मॉनीटरिंगग में भी यह सिस्टम मददगार साबित होगा।
चोरगलिया के रहने वाले दक्ष का बचपन नैनीताल में बीता
मूलरूप से चोरगलिया के रहने वाले दक्ष का बचपन नैनीताल में बीता। भारतीय उपनिवेश संस्थान बेंगलूरू से अर्बन प्रैक्टिशनर की पढ़ाई करने वाले दक्ष ने नैनीताल झील को बचपन से देखा है। साल-दर-साल कम होते झील के जलस्तर व पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता न होने से इसका कारण जानने की जिज्ञासा हुई। सचिन के साथ मिलकर इसका अध्ययन किया तो लीकेज प्रमुख कारण के तौर पर उभरा। डेढ़ साल पहले से इस पर काम करना शुरू किया था।
एक घंटे के भीतर जानकारी एप पर अपडेट कर दी जाती है
यह सिस्टम डाटा उपलब्ध कराने वाले सोर्स पर निर्भर रहता है। सोर्स से पानी के लीकेज की फोटो, वीडियो वाट्सएप या फेसबुक से आइडाइक तक पहुंचती है। एक घंटे के भीतर जानकारी एप पर अपडेट कर दी जाती है। वीडियो, प्रति मिनट पानी का बहाव, जीपीएस से ट्रेस लोकेशन आदि की मदद से पूर्ण तैयारी के साथ मौके पर पहुंच लीकेज जल्दी ठीक किया जा सकता है।