टिहरी : जैसा की देखा जाता है अधिकतर उत्तराखंड के युवा विदेशों में जाकर होटल में नौकरी कर रहे हैं. देशभर के कई जाने माने होटलों में उत्तराखंड के युवा नौकरी कर रहे हैं. लेकिन कभी कभी विदेश में नौकरी करना उत्तराखंड और भारतीय युवाओं को भारी पड़ जाता है…उनके साथ वहां अमानवीय व्यवहार किया जाता रहा है…जिसके बाद उनके परिवार वालों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है और कइयों को सकुशल वापस देश लाया गया है.
टिहरी जिले के युवा फंसे वियतनाम में
जी हां ऐसा ही ताजा मामला वियतनाम से सामने आया है जहां उत्तरखंड के दो युवा फंस गए हैं. दोनों युवा वहां होटल में नौकरी करते थे. ये दोनों युवा टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक में घुत्तू मेडू-सिंदवाल गांव के बताए जा रहे हैं.
मालिक ने उनका वेतन दिए बगैर होटल किया बंद
जानकारी मिली है कि जिस होटल में दोनों नौकरी करते थे उसके मालिक ने उनका वेतन दिए बगैर होटल बंद कर दिया। इससे अब उनका स्वदेश लौटना मुश्किल हो गया है। जिसके बाद मुसीबत में फंसे युवाओं ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
दोनों पर लगाई जा रही है पेनल्टी
मिली जानकारी के अनुसार भिलंगना ब्लॉक में गढ़-सिंदवागांव निवासी सूरत सिंह पुत्र वैशाख सिंह और मानवेंद्र सिंह पुत्र पूर्ण सिंह वर्ष 2018 में हो ची मिन्ह सिटी वियतनाम में भारतीय रेस्टोरेंट में काम करने गए थे। 8-9 महीने काम करने के बावजूद होटल मालिक ने उन्हें वेतन नहीं दिया और अब होटल बंद कर गायब हो गया। बताया गया कि दोनों युवाओं का वीजा भी सितंबर और नवंबर 2018 खत्म हो गया था जिससे वह कहीं और भी काम नहीं कर पा रहे हैं। वियतनाम में वीजा रेग्युलराइजिंग के लिए पांच अमेरिकन डॉलर प्रति दिन की पेनॉल्टी लगाई जा रही है, जिससे दोनों पर अब तक 2400 डॉलर पेनाल्टी हो गई है।
दूतावास ने भारतीय विदेश मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी
दोनों युवा वियतनाम में मुसीबत में हैं. उनके पास न तो खाने के लिए पैसे हैं और न ही टिकट लगाने के लिए पैसे हैं. दोनों युवाओं ने वियतनाम में भारतीय दूतावास से संपर्क कर अपनी आपबीती सुनाई जिसके बाद दूतावास ने भारतीय विदेश मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी।
आपको बता दें कि मंत्रालय ने क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी से दोनों युवकों के परिजनों की आर्थिकी स्थिति और अन्य जानकारी मांगी है, जिससे अब उन्हें जल्द वतन लौटने की उम्मीद है।
टिहरी डीएम का बयान
इधर टिहरी डीएम सोनिका ने बताया कि 17 मई को पासपोर्ट कार्यालय से मिले पत्र के आधार पर जांच कराई गई, तो वियतनाम में फंसे सूरत सिंह के घर में वृद्ध माता-पिता, पत्नी और तीन नाबालिग बच्चे हैं। मानवेंद्र सिंह के घर में भी वृद्ध माता-पिता, पत्नी और दो नाबालिग बच्चे हैं। दोनों परिवारों की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. रिपोर्ट पासपोर्ट कार्यालय को भेज दी गई है। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ऋषि अंगारा का कहना है कि वियतनाम में फंसे युवकों की वापसी के लिए वियतनाम ने विदेश मंत्रालय से युवाओं की आर्थिक रिपोर्ट मांगी गई है। डीएम टिहरी से मिली रिपोर्ट मंत्रालय को भेज दी है। अग्रिम कार्रवाई विदेश मंत्रालय से होनी है।