देहरादून– उत्तराखंड बाघ प्रजाति के संरक्षण में ऊंचे पायदान पर खड़ा है। लेकिन कुछ बेरहम लोगों को ये बात रास नहीं आ रही है।
ऐसे अपराधिक मानसिकता के लोग लगातार वन्य जीव और जंगलों पर अपना कहर बरपा रहे हैं।
हालांकि जंगलात के दायरे में हुए इन जुर्मों का खुलासा जंगलात महकमे के बाजाय पुलिस क्षेत्रों में हो रहा है।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर वो कमजोर कड़ी कौन सी है जिसकी वजह से जंगलों में हुए अपराध के बारे में सूबे का जंगलात महकमा बेखबर है। हालांकि सूबे की पुलिस चौकस दिखाई दे रही है।
एसटीएफ के हाथ आए दिन कभी नशे के सौदागरों के गिरेबान तक पहुंच रहे है तो कभी वन्यजीव तस्करों के हाथ। अबकी दफे एसटीएफ के हाथ दो ऐसे तस्कर चढ़े हैं जो वन्य जीवों पर कहर ढाते हैं। एसटीएफ ने देहरादून के इच्छाडी डेम थाना के पास कालसी क्षेत्रान्तर्गत दो शख्सों को गुलदारों की खाल के साथ हिरासत में लिया है।
एसटीएफ ने आरोपियों से दो गुलदार की खालें बरामद की हैं। आरोपी जय मोहन पुत्र बल्लीराम और राधेश उर्फ राधे पुत्र पुनीराम निवासी दोनो उत्तरकाशी जिले की मोरी तहसील के खन्ना गांव के रहने वाले हैं। आरोपियों के खिलाफ थाना कालसी में वन्य जीव जन्तु संरक्षण अधिनियम 1982 की धारा 9/39/44/49/51 के अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। इसकी जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,एस0टी0एफ0 रिधिम अग्रवाल ने दी।
बताया गया है कि गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों से की गई गहन पूछताछ में इस प्रकार के अपराधों में कुछ दूसरे व्यक्तियों के भी नाम भी सामने आये है। लिहाजा उनके बारे में एसटीएफ अलग से जांच कर रही है। वहीं पता चला है कि गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों में से अभियुक्त जयमोहन साल 2014 में भी एन0डी0पी0एस0 एक्ट तहत जेल जा चुका है।