देहरादून- शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के बेटे की शादी का कार्ड बांटना दो मुख्य प्रशासनिक अधिकारी को महंगा पड़ गया. दरअसल शिक्षा मंत्री ने पूरे विभाग को न्यौता देकर सबको बेटे की शादी का कार्ड दिया था और कार्ड को अपने-अपने स्तर पर सभी को बांटने के निर्देश दिए थे. जिसमें दो अधिकारियों ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांड़े के बेटे की शादी का कार्ड खुद बांटने के बजाए प्रधानाचार्यो को सरकारी चिट्ठी लिख डाली और शादी का कार्ड बांटने का फरमान दिया..जब ये बात सार्वजनिक हुई और शिक्षा निदेशक के संज्ञान में आई तो उन्होने तुरंत इस पर एक्शन लेते हुए दोनों अधिकारियों बागेश्वर के सीईओ दफ्तर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी फकीरराम आर्य और कपकोट-बीईओ के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी दरबान सिंह टाकुली को सस्पेंड कर दिया गया है.
शिक्षा मंत्री ने अपने पुत्र की शादी में पूरे विभाग को दिया था न्योता
खबर है कि शिक्षा मंत्री ने अपने पुत्र की शादी में पूरे विभाग को न्योता दिया था। मंत्री के स्टॉफ कार्यालय ने सभी एडी और सीईओ को सैकड़ों की संख्या में कार्ड देकर बंटवाने के मौखिक निर्देश दिए थे। ये कार्ड सभी अफसरों को अपने-अपने स्तर से बंटवाने थे। लेकिन इन दोनों अफसरों ने सीईओ और बीईओ की ओर से सरकारी आदेश की चिट्ठी बनाकर स्कूलों को भिजवा दी थी और प्रधानाचार्यो को खुद आकर अपने कार्ड ले जाने को कहा था। आदेश में पत्रंक संख्या का भी उल्लेख है।
क्या कहना है शिक्षा निदेशक का पढ़िए
शिक्षा निदेशक आरके कुंवर का कहना है कि दोनों अधिकारियों के खिलाफ आरोप इतने गंभीर हैं कि उनकी सत्यता होने पर उन्हें कड़ी सजा भी मिल सकती है उन्होंने खुद ही अपने अफसरों के हस्ताक्षर कर पत्र जारी कर दिया था। फिलहाल दोनों निलंबित कर दिए गए हैं। निलंबन अवधि तक आर्य और टाकुली कुमाऊं के एडी-बेसिक कार्यालय से अटैच रहेंगे.
मुख्यमंत्री कार्यालय की नाराजगी भी आई सामने
मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों के निलंबन के पीछे मुख्यमंत्री कार्यालय की नाराजगी भी सामने आ रही है। सूत्रों के अनुसार यह भी खबर है कि जब ये आदेश मुख्यमंत्री कार्यालय की जानकारी में आया तो तत्काल शिक्षा सचिव से इसकी जानकारी ली गई। मुख्यमंत्री कार्यालय को नाराज देख सचिव ने शिक्षा निदेशक को कार्रवाई के लिए कहा। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने भी तत्काल ही दोनों के निलंबन आदेश जारी कर दिए।
काश मंत्री जी ने ऐसा ही आदेश शिक्षा स्तर में सुधार लाने के लिए अधिकारियों को दिया होता
इस हरकत से शिक्षा मंत्री समेत शिक्षा विभाग पर कई सवालिये निशान खड़े हो गए है अगर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शादी का कार्ड बांटने का काम सौंपा जाए या आदेश दिया जाए तो शिक्षा के स्तर का काम कौन सम्भालेंगा. काश शिक्षा मंत्री जी ने ऐसे जबरदस्त आदेश शिक्षा के स्तर में सुधार लाने या शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और विकास लाने के लिए सुनाया होता तो जरुर उनकी तारीफ होती. पहले ही शिक्षा संगठन के शिक्षक पहले ही मंत्री जी से खफा है और उसके ऊपर से ऐसी हरकत से मंत्री जी जरुर मुसीबत में फंस सकते है