पिथौरागढ़- ये चेतावनी है पिथौरागढ़ जिले के पांखू गांव के वाशिंदों की। कोई माने या न माने लेकिन ये सच है कि इस राज्य के पहाड़ी गांव सरकारी बेरुखी के शिकार हैं । जहां अस्पताल हैं वहां डॉक्टर नहीं जहां स्कूल हैं वहां मास्टर नही। गांवों में या तो सड़क नही है और जिन गांवों में सड़क हैं उनकी हालत बेहत्तर नही हैं। नतीजतन स्थानीय वासिंदों के सीने में आक्रोश की आग सुलग रही है। पिथौरागढ़ का एक गांव है पांखू। जहां प्रशासन के पिछले महीने 5 अगस्त को एक एलोपैथिक चिकित्सालय खुलवाया। जब अस्पताल खुला तो गांव वाले बड़े खुश हुए। लेकिन अब आलम ये है कि वहां सरकार ने डाक्टर को तैनात ही नही किया। अब गांव वाले ऐसे अस्पताल का क्या करें।
ऐसा ही हाल यहां के इंटर कॉलेज का है जहां रसायन विज्ञान और गणित पढाने के लिए कोई प्रवक्ता ही तैनात नही है। थल से पांखू जाने वाली सड़क ऐसी है कि उसका जगह-जगह डामर उखड़ा हुआ है। ऐसे मे स्थानीय ग्रामीण प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार बैठे हैं। एक बार अपनी मांगों को लेकर सरकार का पुतला फूंक चुके ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन पांखू की यूं ही अनदेखी करता रहा तो जल्द ही एक बड़ा जनआंदोलन छेड़ा जाएगा।