उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन के कारण सिलक्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा टूट गया। सुरंग के अंदर करीब 40 मजूदर फंसे हुए हैं। बुधवार को एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर पहुंचे। मशीन की पहली खेप चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से सिलक्यारा पहुंच गई है।
सिलक्यारा पहुंची मशीन की पहली खेप
उच्च क्षमता की ऑगर मशीन के हिस्सों की पहली खेप सिलक्यारा सुरंग पर पहुंच गई है। ये मशीन मलबे को भेद कर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मदद करेगी। पुलिस प्रशासन ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से टनल तक मशीन के हिस्सों को पहुंचाना शुरू कर दिया है।
कुछ ही देर में शुरू होगा रेस्क्यू अभियान
दिल्ली से हरक्यूलिस विमानों से एयरलिफ्ट कर मशीन को चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी में तीन खेपों में पहुंचाया जा रहा है। दूसरी खेप हवाई पट्टी पर उतारी जा रही है। कुछ देर में मशीन की मदद से मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाई जाएगी। इस मशीन के जरिए प्रति घंटे पांच मीटर मलबा निकला जा सकेगा।
थाईलैंड की विशेष टीमों की ली जा रही मदद
बता दें अब नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद ली जा रही है। रेस्क्यू टीम ने थाईलैंड की रेस्क्यू कंपनी से संपर्क किया है जिसने थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकाला था।
नॉर्वे की NGI एजेंसी से किया जा रहा संपर्क
नॉर्वे की एनजीआई एजेंसी से भी संपर्क किया गया है। जिससे सुरंग के भीतर ऑपरेशन में विशेष सुझाव लिए जा सके। भारतीय रेल, आर वी एन एल, राइट्स एवं इरकॉन के विशेषज्ञों से भी सुरंग के भीतर ऑपरेशन से संबंधित सुझाव लिए जा रहे हैं। राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार इस मामले को लेकर गंभीर नजर आ रही है।