देहरादून- तय है कि अब आपको सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर राशन के दाम बाजार भाव पर चुकाने पड़ें। उसकी वजह है आज हुई टीएसआर कैबिनेट की बैठक। कैबिनेट ने आज जिन 55 फैसलों पर सहमति की मुहर लगाई है उनमे एक ये भी है कि राज्य खाद्यान योजना के राशन की सब्सिडी अब सीधे उपभोक्ता के खाते में जाएगी।
गेहूं और चावल की मात्रा के दाम के बराबर की धनराशि का अब उपभोक्ता को डीबीटी के जरिए दी जाएगी। योजना नवंबर माह में लागू होगी। कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों के दी जाने वाली चीनी की सब्सिडी भी उपभोक्ता के खाते में जाएगी।
वहीं कैबिनेट ने फैसला लिया है कि इस बार राज्य में खनिज के कारोबार ई नीलामी के जरिए आवंटित होगा। यानि सरकार ने खनिज कारोबार से निगमों के वर्चस्व खत्म करने करने पर सहमति जताई है। अब ई-टेंडर के जरिए खनन के पट्टे शर्तों के साथ आवंटित किए जांएगे। वहीं उत्तराखंड में मेट्रो रेल के स्वप्न को साकार करने के लिए उत्तराखंड मैट्रो रेल अवस्थापना कंपनी को वित्तीय और प्रशासनिक निर्णय लेने के अधिकार भी दिए गए।
पर्यटन निदेशालय में संवर्ग का पुनर्गठन किया गया। वहीं निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में जाने की शर्त पर प्रमोशन दिया जाएगा।
राज्य में सीमांत और गरीब किसानों को सहकारी बैंकों के जरिए मिलेगा एक लाख का दीनदयाल सहकारिता उपाध्याय सहकारिता सहायता लोन मिलेगा।
कैबिनेट ने उत्तराखंड आवास नीति में संशोधन किया।
सार्वजनिक निजी सहकारी क्षेत्र की आवासीय योजनाओं का शेल्टर फंड में जमा कराये जाने वाली धनराशि बढ़ाई गई। पांच हजार से ज्यादा मकान बनाने वाले बिल्डर को इस पर छूट नहीं मिलेगी
कैबिनेट ने वेतन विसंगति दूर करने संबंधी कमेटी की कई संस्तुतियां मानी और सरकार ने ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों को अपने वादे के मुताबिक सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने पर हामी भरी यानि ऊर्जा निगम के कर्मचारियों की मन की मुराद पूरी हुई।