कहते हैं सच्चा प्यार बड़ी मुश्किल से औऱ किसमत वालों को मिलता है…और जिसे सच्चा प्यार मिलता है उनके सामने कितने भी दुखों के पहाड़ टूट पड़े वो उससे लड़ जाते हैं और आगे निकल जाते हैं. और ऐसी ही प्यार पाया हीरल ने…जी हां हीरल बड़ी ही किस्मत वाली है जिसे चिराग जैसा प्यार करने वाला मंगेतर मिला. हीरल के हाथ-पैर छिन जाने के बाद भी चिराग पीछे नहीं हटा और कहा हां मैं अभी भी शादी करुंगा.
18 वर्षीय हीरल पर टूटा दुखों का पहाड़
मामला गुजरात, जामनगर जिले के डबासण गांव का है जहां तनसुख भाइ्र वड़गामा निवासी 18 वर्षीय हीरल की सगाई 28 मार्च को जामनगर के चिराग भाड़ेशिया गज्जर से हुई थी। शादी गर्मियों की छुट्टी में होनी थी लेकिन इससे पहले हीरल और हीरल के परिवारवालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.
हाईटेंशन तार की चपेट में आई हीरल, काटने पड़े हाथ-पांव
भास्कर की खबर के अनुसार 11 मई की दोपहर हीरल कपड़े धोकर उसे सुखाने खिड़की के पास पहुंची और उसने हाथ बाहर निकाली ही था कि इस दौरान हाईटेंशन की तार उसके हाथ पर गिर गई उसका हाथ बुरी तरह जल गया औऱ पैरों को भी चपेट में ले लिया. जिसके बाद घायल हीरल को जामनगर के जीजी हॉस्पिटल ले जाया गया जहां उसका इलाज चला लेकिन चार दिन बाद डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने हीरल को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में रेफर कर दिया। जहां डॉक्टरों ने कहा कि हीरल का दायां हाथ और दोनों पैर घुटने तक काटने होंगे। डॉक्टरों ने कहा कि अगर हादसे के 48 घंटे के भीतर अस्पताल ले आते तो ऐसा नहीं होचा.
मां-बाप को चिंता आखिर कौन करेगा शादी, चिराग ने जलाया उनके घर का दिया
वहीं बेटी की अभी सगाई हुई थी घर में शादी का माहौल था ऐसे में ये हादसा…हीरल के परिवार वालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. मां-बाप चिंता में थे कि उनकी बेटी से शादी कौन करेगा ऐसे में चिराग ने उनके घर का दिया जलाया. उसने कहा कि हीरल का साथ मैं जीवन भर निभाऊंगा। चिराग ने कहा कि अगर यह हादसा शादी के बाद हुआ होता, तो क्या मैं उसे छोड़ देता। इलाज के दौरान चिराग हीरल के पास ही खड़ा रहा। उसने पल भर के लिए भी हीरल को नहीं छोड़ा। चिराग के इस फैसले को उसके माता-पिता ने पूरा समर्थन दिया।
चिराग पर गर्व है-हीरल
वहीं इस पर हीरल ने कहा कि चिराग के इस फैसले से मुझे अब पता चला कि सचमुच इस संसार में अच्छे लोग भी रहते हैं। मुझे चिराग पर गर्व है। अस्पताल में चिराग पूरे समय मेरे साथ रहा। उसने अस्पताल के सामने ही एक कमरा किराए पर लिया और मेरी सेवा की। उसके माता-पिता भी मुझे इस स्थिति में स्वीकार करते हैं, तो यह मेरा सौभाग्य है।