दिल्ली : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में गुरूवार को आयोजित अधिवक्ताओं के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकारों का मतलब है, सरोकारों से सीधा वास्ता और इस तरह आम जन की शिकायतों का निवारण करना सरकार के सरोकारों की प्राथमिक सीढ़ी है। उन्होंने कहा कि आज केंद्र सरकार ने आमजन की शिकायतों के निस्तारण के लिए ईमानदार पहल की है। हम सब जानते है किस तरह से केंद्र की योजनाओं में पैसों की बंदरबांट होती थी और जो पैसा गरीब को मिलना चाहिए था वह उसे मिल नहीं पाता था, लेकिन मोदी सरकार ने इस व्यवस्था को दुरस्त किया। आज केंद्र की योजनाओं का 100 प्रतिशत लाभ लोगों को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सरकार ने 100 प्रतिशत वित्तीय समावेशन के लिए जनधन अकाउंट खोले है। इन खातों को आधार से लिंक किया और फिर इसे मोबाइल से भी जोड़ दिया गया। यानि एक मैकेनिज्म ऐसा बना कि जिससे आम नागरिक को पता चल जाता है, कि उसके खाते में उसके काम के पैसे आ गए है। वो भी बिना किसी फर्जीवाड़े के। इतना ही नहीं, इस व्यवस्था से 08 करोड़ ऐसे लोग पकड़े गए, जो इसके लिये पात्र नहीं थे फिर भी इसका लाभ ले रहे थे। इसमें पेंशन, स्कॉलरशिप, डीबीटी सब्सिडी आदि से जुड़े फर्जी मामले थे। इस तरह एक मैकेनिज्म बनाकर मोदी सरकार ने एक साथ दो काम किए। एक तो गरीबों का पूरा पैसा सीधे उनके खाते में न आने की शिकायत पर रोक लगी व दूसरा इस मैकेनिज्म से सरकार को 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने से बचाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह यूरिया का उदाहरण लें। यूरिया की जमकर ब्लैकमार्केटिंग होती थी। किसानों को कई गुना ज्यादा कीमत पर यूरिया मिलता था। लेकिन मोदी सरकार ने इस पर अंकुश लगाया। यूरिया पर नीम का लेपन किया। अब यूरिया की ब्लैकमार्केटिंग पर भी रोक लगी है और नीम कोटेड यूरिया से उर्वरकता भी बढ़ रही है। आज किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई है। इससे साल में 6 हजार रुपए सीधा उनके खाते में जा रहा है। शिकायत निवारण प्रक्रिया ऐसी ही मैकेनिज्म होनी चाहिए। जिसमें बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह खत्म हो। आम आदमी को 100 प्रतिशत सैटिस्फैक्शन मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में हमने आमजन की शिकायतों के निवारण के लिए अभिनव पहल की है। हमने टोल फ्री नंबर 1905 जारी किया है। इस नंबर को डायल करके कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायतों के निस्तारण के लिए तीन स्तर पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। शिकायत मिलने के सात दिन के भीतर उसका निस्तारण करना ही होगा। प्रक्रिया के अंत में कस्टमर सैटिस्फैक्शन के लिए 1905 कॉल सेंटर द्वारा संबंधित व्यक्ति को कॉल की जाती है। उसका रिस्पॉन्स जाना जाता है। इस तरह हमारी भी कोशिश है एक पारदर्शी मैकेनिज्म स्थापित हो सके। जिसका सीधा फायदा आम आदमी को मिले।