उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल होने की चर्चाएं हैं। एक न्यूज चैनल ने इस संबंध में खबर चलाई है। इस खबर के अनुसार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को मोदी सरकार में शामिल किया जा सकता है।
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आपको बता दें कि हाल ही में त्रिवेंद्र सिंह रावत को हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था। उनके कामकाज को लेकर पार्टी खुश नहीं थी। हालात ये थे कि उत्तराखंड के तमाम बीजेपी विधायकों ने उनके प्रति अपनी नाराजगी से पार्टी आलाकमान के सामने खुलकर रख दिया था।
त्रिवेंद्र को मिली थी कमान
उत्तराखंड में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद पार्टी आलाकमान ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप कर सबको चौंका दिया था। हालांकि चार सालों बाद चुनावी साल से ऐन पहले पार्टी को विधायकों के दबाव में अपना फैसला बदलना पड़ गया।
सीएम की कुर्सी से हटाए जाने के पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली भी गए। वहां पार्टी के आला नेताओं से मुलाकात भी की लेकिन बात बन नहीं पाई। इस दौरान दावा किया गया कि वो पीएम नरेंद्र मोदी से भी मिले लेकिन इसकी कोई तस्वीर कभी सामने नहीं आई। आमतौर पर ऐसी मुलाकातों की तस्वीरें आधिकारिक तौर पर जारी की जाती हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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दिल्ली जाने की सलाह
कुर्सी से हटाए जाने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत से पत्रकारों ने पूछा कि उन्हें क्यों हटाया गया तो उन्होंने इसके जवाब में पत्रकारों को दिल्ली जाने की सलाह दी। एक कार्यक्रम में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुद को अभिमन्यु बताया था।
कुर्सी से हटाए जाने के तकरीबन दो महीने बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिल्ली में पार्टी क बड़े नेताओं से मुलाकात की। हालांकि इस बारे में ये कह पाना मुश्किल है कि ये मुलाकात किस संबंध में हुई लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत के राजनीतिक कामकाज को देखते हुए माना जा रहा है कि उन्हें संगठन में कोई जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसी की तैयारी चल रही है।
एक संभावना इस बात की भी जताई जा रही है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को पार्टी आने वाले समय में राज्यसभा भेज सकती है। इसके लिए अभी से तैयारी हो रही हो।
फिलहाल उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में त्रिवेंद्र सिंह रावत को केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल करने की अटकलों पर लोग बहस मुहासिबों का लुत्फ उठा रहें हैं। हालांकि कुछ सियासी जानकार मानते हैं कि ऐसा होना बेहद मुश्किल है क्योंकि उत्तराखंड से पांच सांसद आते हैं इनमें से एक को पहले ही केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल किया जा चुका है।