देहरादून : त्रिवेंद्र सरकार महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए लगातार कई कोशिशें कर रही है। कई योजनाएं लागू कर चुकी है और कई योजनाएं लागू करने की योजना बना रही है जिससे महिलाएं सशक्त हों, आत्मनिर्भर हों और अपनी मेहनत व हुनर से अपने पैरों पर खडीं हो…राज्य सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश में महिलाओं को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए हर संभव मदद मिले और इसी दिशा में त्रिवेंद्र सरकार ने महिलाओं के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई है…ताकि महिलाओं का कल्याण हो सके और अपने साथ ही दूसरों को भी रोजगार दे।
महिला उद्दमियों को बढावा देने के लिए त्रिवेंद्र सरकार की लगातार कोशिशें जारी है…इसी के चलते राज्य सरकार ने महिलाओं के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना शुरू की है, जिसमें ऐसी महिलाओं की आर्थिक मदद की जाती है जो अपने खुद के हुनर से कोई रोजगार शुरू करना चाहती है, या फिर साझेदारी में कोई काम शुरू किया हो. इस योजना में महिलाओं को अपना उद्योग स्थापित करने के लिए लोन दिया जा रहा है, जिसमें 20 से 25 फीसद तक सब्सिडी दी जाती है.
महिलाओं को सशक्त करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प की योजना बनाई
सरकार ने महिलाओं को सशक्त करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प की योजना बनाई है। पशुपालन और मत्स्य पालन के मार्फत से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया। सरकार का कहना है कि पर्वतीय जनपदों से होने वाले पलायन को पशुपालन और मत्स्य पालन से महिलाओं को जोड़कर रोका जा सकता है। इसको लेकर जल्द खास योजना भी शुरू करने वाली हैं।
उपलब्धियों के दावे
-महिला सशक्तिकरण पर जोर। 50 महिलाओं को एलईडी उपकरण बनाने की दी गई ट्रैनिंग।
-महिलाओं के लिए दीन दयाल उपाध्याय सामाजिक सुरक्षा कोष की स्थापना।
-कामकाजी महिलाओं के लिए रुद्रपुर में हॉस्टल के निर्माण कार्य शुरू कराया।
-आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति में सुधार का फैसला।
-आंगनबाड़ी केंद्रों को हाईटेक किया जाएगा। टैबलेट उपलब्ध कराया जाएगा
-आंगनबाड़ी केंद्रों में नियमित रूप से बेहतर क्वालिटी का पुष्टाहार उपलब्ध कराना
-आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव, ताकि इसका लाभ सभी को मिल सके
-वेटनरी वैन की जल्द होगी लांचिंग।
-हर जिले में एक पशु सदन खोला जाएगा।
-महिलाओं के लिए बकरी पालन योजना का आगाज।
-महिलाओं के लिए मुर्गी पालन की योजना भी शुरू की जाएगी। मत्स्य पालन के लिए महिला जल कृषि समूह योजना होगी शुरू।
इन कामों के जरिए रोजगाक की शुरुआत की
एमएसएमई यानि की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के तहत अभी तक कई महिलाओं ने अलग अलग क्षेत्र में जैसे कि फूड प्रोसेसिंग वर्क, सिलाई, बुनाई, स्कूली ड्रेस तैयार करना, चटनी अचार पापड़, बिस्किट, बैकरी का सामना, घर के सजावटी सामान, जैसे कई रोजगार स्थापित किए हैं. जिससे ना सिर्फ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला है, बल्कि समाज के अन्य लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा किए है.
वहीं स्वंय सहायता समूह के तहत भी महिलाओं ने अपना रोजगार शुरू किया है, जिससे उन्हे लाभ भी मिल रहा है… त्रिवेंद्र सरकार द्वारा स्वंय सहायता समूह के तहत महिलाओं को अपना रोजगार शुरू करने के लिए बिना ब्याज के लोन दिया जा रहा है. महिलाओं के रोजगार को बढावा देने के लिए त्रिवेंद्र सरकार की इस पहल से ना सिर्फ महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हुई है बल्कि आत्मनिर्भर बनी है और समाज में उन्हे एक अपनी पहचान मिली है. इसके साथ ही अपने परिवार का पालन पोषण भी बेहतर ढंग से कर रही है.