अल्मोड़ा : आज महान और गौरवशाली पर्व है. महान इसलिए क्योंकि आज ही के दिन महान देशभक्त शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू ने हम वतनों के लिए बहुत छोटी उम्र में अपने प्राण भारत माता पर न्योछावर कर दिये थे. बिना किसी इच्छा के इतना बढ़ा त्याग वो भी स्वयं की मर्जी से व्यक्ति को महान नहीं भगवान बनाता है. कम से कम हम जैसे युवाओं के तो ये ही भगवान है. इन्ही के आदर्शों पे चलना सीखा है और सिखाया गया.
किताबी ज्ञान से अलग बच्चों में देशभक्ति के ज्ञान का अलख जगा रहे सहायक अध्यापक
अल्मोडा़ के रा. प्रा. वि. बजेला धौलादेवी स्कूल के एक शिक्षक ने अपनी अहम भूमिका से अपने छात्रों को इन्ही वीरों के किस्से सुनाकर उनमें देशभक्ति का बीजारोपण किया. सरकारी स्कूल के ये सहायक अध्यापक बच्चों में देशभक्ति की अलख जगा रहे हैं औऱ बच्चों को किताबी ज्ञान से अलग ज्ञान दे रहे हैं. देश को सर्वप्रथम मानने वाले ये बच्चें जरूर महान बलिदानियों के भारत का “भारत” बनायेंगे ऐसा उनका विश्वास है और उनकी ऐसी सोच को हमारा सलाम है.
गौरवशाली पर्व इसलिए क्योंकि हमारे देश मे ऐसे माँ के लाल पैदा हुए जो बचपन में ही क्रांतिकारियों की पुस्तकें पढ़ने लगा था ,जो बचपन मे ही खिलौने छोड़ बंदूक की खेती करने चला था जो बचपन मे ही विचारो का धनी हो गया था और विचार ऐसा चुना की उस पथ पे चलना किसी साधरण मानव के बस कि बात न थी, वे तो महामानव थे.
बमुश्किल हाईस्कूल या इंटर पास जिनका पड़ाव दिल्ली के होटलों तक सीमित रह जाता है
उनकी शिक्षा ही कुछ ऐसी हुई की हर वस्तु उन्हें देश के समक्ष बहुत छोटी लगी, ऐसा विचार उनमें कहाँ से आया जिसके कारण उन्हें अपना जीवन तक तुच्छ लगा. हम आजाद हो सकें, खुली हवा में साँस ले सकें…इसीलिए उन्होंने अपना सर्वस्य त्याग किया. पर आज मेरा देश किस ओर अग्रसर है जहाँ कक्षा 5 का छात्र कक्षा 2 की पुस्तक नही पढ़ पा रहा हैं वल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट 2018- लर्निंग टू रिलीज प्रोमिस….और जो बमुश्किल हाईस्कूल या इंटर पास हो भी जाते हैं तो उनका पड़ाव दिल्ली हल्द्वानी के होटलों तक सीमित रह जाता है, यह कैसी शिक्षा जो उसे सम्मान भी न दिला पाती है रोटी तो खैर सभी खाते है।
खैर जो भी हो एक पुस्तक, एक पैन, एक बच्चा और एक अध्यापक भी बदलाव के लिए काफी है. ऐसा संसार भी मान चुका है। इसी क्रम मे आज विद्यालय में शहीद दिवस मनाया गया और अध्यापक संग मिल कर बच्चों ने महान व्यक्तित्वो को श्रंद्धाजलि अर्पित की. माल्यर्पण और दीप प्रज्वलित किया. तदुपरांत बच्चो ने अंग्रेजी और हिंदी भाषा में भगत सिंह के जीवन पर आधारित एक लघु नाटिका प्रस्तुत की जिसका शीर्षक Cultivation of gun या बंदूक की खेती था. कार्यक्रम का उद्देश्य पूर्णरूप से अकादमिक(भाषा विकास) तथा बच्चों के अंदर देशभक्ति की भावना जागृत करना था और उन्हें विचार शक्ति से सम्पन करना था,इस के लिए हम पूर्ण रूप से सफल रहें.
राष्ट्र निर्माण का संकल्प
शिक्षा का उत्थान ,शिक्षक का सम्मान
बेहतर शिक्षा बेहतर समाज
भास्कर जोशी
सहायक अध्यापक
रा प्रा वि बजेला धौलादेवी अल्मोड़ा