देहरादून: रक्षा बंधन के पावन अवसर पर त्रिकोण सोसाइटी ने दो हजार से अधिक राखियां और मास्क सियाचिन में तैनात देश के वीर सैनिकों के लिए भेजी। सभी राखियां और मास्क त्रिकोण सोसाइटी में कार्यरत महिलाओं की ओ बनाई गई। कारिओस कॉन्सियस व स्टिच शॉप के सहयोग से सियाचिन बॉर्डर पर सैनिकों के लिए भिजवाई गईं। त्रिकोण सोसाइटी चार हजार से अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम चला रही है। सोसाइटी की ओर से महिला सशक्तिकरण के लिए पिछले पंद्रह सालों से काम कर रही है। वोकल फॉर लोकल, गोइंग बैक टू नेचर, थ्रू क्लस्टर फार्मिंग की अवधारणा पर काम करते हुए सोसाइटी द्वारा कई गाँवो को भी गोद लिया जा रहा है। अब किसानों के लिए कृषि आधारित रोजगार पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
डॉ. नेहा शर्मा डायरेक्टर त्रिकोण सोसाइटी, देहरादून ने बताया कि हमारी संस्था में काम करने वाली महिलाओं द्वारा बनायीं गयी राखियां और मास्क देश की रक्षा में दिन रात बॉर्डर पर खड़े हमारे बहादुर सैनिको के लिए बनाई गईं हैं और हम उनकी दीर्घ आयु और कुशल जीवन की प्रार्थना करते है। इस रक्षा बंधन पर उन्हें उनके देश की बहनों की तरफ से शुभकामनाएं हैं। त्रिकोण सोसाइटी ने इस वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के समय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए घर से ही काम करने को प्रेरित किया और उनको जीवन यापन करने के लिए विभिन्न प्रकार रोजगार पूरक कार्यो की ट्रेनिंग भी दी गयी।
इस अवसर पर बोलते हुए सुश्री कोमल बत्रा, फाउंडर, कारिओस कॉन्सियस ने कहा आज देश के सीमाओं पर तनाव की स्थिति है। ऐसे समय पर हमारे द्वारा भारत के वीर सैनिकों के लिए राखी के रूप में उनकी कुशलता और शुभकामनाए भेजी गयी हैं। हरप्रीत, फाउंडर, स्टिच शॉप ने कहा की देश की रक्षा करने वाले सैनिकांे को इस बार के रक्षाबंधन को विशेष बनाने के लिए और उनकी कुशलता के लिए हमारे द्वारा राखियां और मास्क भेजे गए हैं, ताकि उनका हौसला और मजबूत हो। इस अवसर पर डॉ. नेहा शर्मा, उपाध्यक्षा, फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर और चीफ कोऑर्डिनेटर, स्किलिंग और एग्रीकल्चरल कमेटी, कोमल बत्रा, वरिष्ठ उपाध्यक्षा फिक्की फ्लो उत्तराखंड मौजूद रहे।