ब्यूरो- उत्तराखंड राज्य को बने सोलह साल हो गए हैं। इन सोलह सालों में हमने क्या खोया क्या पाया। हमे किस दिशा में जाना था और हम कहां जा रहे हैं। हम सही रास्ते पर जा रहे हैं या भटक गए हैं। कई सवाल हमारे जेहन में हैं। दरअसल उत्तराखंड राज्य कोई खैरात मे मिला राज्य नहीं हैं, ये शहीदों की कुर्बानियों का प्रतिफल है। इस राज्य की बुनियाद में उस मां के संघर्ष के पत्थर लगे हैं जिसने बेटों के सुनहरे कल के लिए उन घरों की देहरियों की ही नही लांघा बल्की गांव की पगडंडियों को पार कर सड़कों पर आकार उत्तराखंड के लिए आवाज़ लगाई। इस राज्य की बुनियाद को शहीदों ने अपने खून से सींचा है तब जाकर ये राज्य बना है। ऐसे में जानना जरूरी हो जाता है कि हम किस रास्ते पर जा रहे हैं। पिछले सोलह सालों हमारे लिए कैसे रहे हैं। क्योंकि इतिहास से सबक लेने वाले अपना भविष्य सुधार लेते हैं और गुजरे कल को बिसर जाने वाले आने वाले कल के लिए रास्ता नहीं तलाश पाते।
इस कड़ी में हम आपको हर रोज उत्तराखंड के 16 साल के सफर के हर पड़ाव से रू-ब-रू करवांएगे ताकि चुनावी घड़ी में यह समझा जा सके कि हम किस रास्ते पर जा रहे हैं।