देहरादून –घाटे के बोझ तले दबे उत्तराखंड परिवहन निगम को परिवहन विभाग ने करारा झटका दिया है। दरअसल पिछली सरकार के दौरान परिवहन निगम ने अपने परिवहन के बेड़े को बढ़ाने के लिए 100 करोड़ की लागत से 483 बस खरीदी। लेकिन ये सभी बसें BS-3 श्रेणी की हैं। Bs-4 के दौर में BS-3 श्रेणी वाहनों के लिए परमिट जारी करने से परिवहन महकमा हिचक रहा है। दरअसल उत्तराखंड में अब सिर्फ Bs-4 श्रेणी के ही वाहनो को परमिट देने का कायदा तय किया गया है। ऐसे में परिवहन निगम के लिए Bs-3 कैटेगिरी की नई खरीदी गई बसे जी का जंजाल बन गई है। परमिट न मिलने के चलते नई बसें डिपो में धूल फांक रही हैं। अचल संपत्तियों को बंधक बना कर लोन मे ली गई बसों की किश्त परिवहन निगम के लिए घाटे के कोढ़ में खाज का काम कर रही हैं। बहरहाल परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक बी.के.संत कहते हैं कि इन बसों के लिए स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी से परमिट लिया जाएगा। जिसके लिए उत्तरप्रदेश से बात जारी है। वहीं संत ने बताया कि कि एसटीए के तहत 283 बसों का परमिट लिया जा चुका है। अब सिर्फ 200 बसों के परमिट की ही दरकार है। वहीं प्रबंध निदेशक ने इस खरीददारी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जब ये बसें खरीदी गई थी तब Bs-4 कैटेगिरी की बसें उपलब्ध नहीं थी।