नैनीताल – मुमकिंन है कि अगर प्रबन्धन ने कोई पेंच न फंसाया तो आठ हफ्ते के भीतर रोड़वेज में काम कर रहे संविदा कर्मियों को समान काम के लिए समान वेतन मिलने लग जाएगा। नैनीताल उच्च न्यायालय में न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशू धूलिया की एकल खंडपीठ ने राज्य परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को 20 दिसंबर 2016 के शासनादेश के मुताबिक इस बारे मे आठ सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड परिवहन इंपलाइज यूनियन के महामंत्री अशोक चौधरी ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर निगम में कार्यरत आउट सोर्सिंग एजेंसी द्वारा संविदा कर्मचारियों के वेतन फंड, ईएसआई, व संविदा कर्मचारियों को सीधे परिवहन निगम के ढांचे में लाने, समान काम के लिए समान वेतन देने व नियमितीकरण के निर्देश जारी करने का निवेदन किया गया था।
याचिका में मोटर ट्रांसपोर्ट एक्ट, संविदा श्रम अधिनियम के अलावा उत्तर प्रदेश औद्योंगिक विवाद अधिनियम का हवाला देते हुए दलील दी गई थी कि निगम में किसी भी श्रमिक को संविदा श्रमिक नहीं माना जा सकता। तय है कि अगर आठ हफ्ते के भीतर रोड़वेज ने संविदा कर्मियों को उच्च न्यायालय के आदेश पर समान काम का समान वेतन देने का निर्णय लिया तो दूसरे निगमों में तैनात मुलाजिमों के लिए समान काम के लिए समान वेतन का रास्ता खुल जाएगा।