देहरादून- राजस्थान की संस्कृति जैसे वहां के पर्यटन व्यवसाय में घुलकर अपनी रंगत सात समुंदर पार बिखेर रही है और राज्य की आमदनी में इजाफा कर रही है। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले वक्त में कुछ वैसा ही उत्तराखंड में भी होगा।
देशी-विदेशी सैलानी जब उत्तराखंड में सुकून की तलाश में आएंगे तो कुमाऊंनी, गढ़वाली, जौनपुरी, जौनसारी संस्कृति के रंग में भी रंगे मिल सकते हैं।
पर्यटक उत्तराखंड की पारम्परिक पोशाकों में तस्वीरें खिंचा सकते हैं, ढोल,दमाऊ रणसिंघे की धुन पर नाच सकते हैं छोलिया नृत्य की कदमताल उन्हें मोहित कर सकती है। यानि सीएम की सलाह पर कारोबारियों और पर्यटन महकमें ने अमल किया तो सूबे का पर्यटन राज्य की संस्कृति में रंगकर अपनी छटा बिखेरेगा।
ये बात इसलिए कही जा रही है कि आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने मुख्यमंत्री आवास में होटल ऐसोसिएशन के प्रतिनिधिमण्डल से मुलाकात की। इस दौरान सीएम ने कहा कि राज्य का भविष्य पर्यटन में निहित है। आॅल वेदर रोड, कर्णप्रयाग रेलवे लाइन, सम्पर्क मार्गो के सुदृढ़ीकरण, युवाओं को हाॅस्पिटैलिटी इण्डस्ट्री के लिए स्किल बनाना, हाॅस्पीटीलिटी यूनिवर्सिटी के निमार्ण, देहरादून में संस्कृति ग्राम के विकास, 13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टीनेशन योजना के जरिए राज्य में पर्यटन को नई दिशा और रफ्तार मिलेगी।
इस मौके पर सीएम रावत और होटल व्यवसासियों के बीच राज्य में पर्यटन विकास, होटल व्यवसाय के जरिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करने और इस कारोबार से राज्य सरकार के राजस्व में इजाफे को लेकर चर्चा हुई।
होटल कारोबारियों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने सरकार की मंशा जाहिर करते हुए कहा कि सरकार राज्य में पर्यटन और उससे जुड़ी सहायक गतिविधियों को अधिक से अधिक बढ़ावा देना चाहती है। ताकि पर्यटन राज्य की आर्थिकी के लिए मजबूत आधार बने और इससे जुड़कर पलायन पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।सीएम रावत ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि राज्य के मानव संसाधन का उपयोग राज्य के विकास में ही हो और सूबे के नौजवानो को कौशल विकास के जरिए स्वालम्बी बनाया जा सके।
वहीं सीएम रावत ने बताया कि सरकार विलेज टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है। साल 2020 तक प्रदेश में 5000 होम स्टे प्रारम्भ कर दिए जाएगे। जबकि 13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टीनेशन के तहत 13 जिलों में नए थीम बेस्ड पर्यटक स्थल विकसित किए जाएंगे, इसके लिए सरकार तैयार है। वहीं उन्होंने कहा कि राज्य की संस्कृति को पर्यटन से जोड़ा जा रहा है। जल्द ही टिहरी महोत्सव का आयोजन किया जाएगा