सूरज पर 8 अप्रैल को चैत्र मास की अमावस्या के दिन साल का पहला Surya Grahan लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र में भी सूर्य ग्रहण को काफी खास माना जाता है। यह लोगों के जीवन में पूरा प्रभाव डालता है। सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। 8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण पूरे 54 साल में सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। आइये जानते हैं क्या होता है पूर्ण सूर्य ग्रहण और इसे क्यों खास माना जाता है।
सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को 9 बजकर 12 मिनट पर शुरु हो जाएगा और इसका समापन रात 2 बजकर 22 मिनट पर होगा। इस सूर्यग्रहण का मध्य समय रात 11 बजकर 47 मिनट पर होगा। सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 10 मिनट की रहेगी। यह सूर्य ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इस ग्रहण को सूतक काल नहीं माना जाएगा।
भारत में दृश्यमान नहीं होगा यह Surya Grahan
यह ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा। बल्कि कनाडा, उत्तरी अमेरिका, मैक्सिको में दिखाई देगा। इस पूर्ण ग्रहण की शुरुआत दक्षिण प्रशांत महासागर से होगी। इस ग्रहण के दौरान भारत में रहने वाले सभी लोगों के लिए सामान्य दिनचर्या होगी। शास्त्रों की मानें तो ग्रहण जहां लगता है और जहां दिखता है वहीं इसका प्रभाव भी पड़ता है।
क्या होता है पूर्ण Surya Grahan?
जब पृथ्वी, सूर्य तथा चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं, इसके कारण पृथ्वी के एक भाग पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है, तब पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है। इसे आप खुली आंखों से बिना किसी यंत्र के भी देख सकते हैं।