देहरादून: देवभूमि उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग में शौचालय निर्माण के नाम पर ग्राम प्रधान जमकर घोटाला कर रहे हैं. जी हां ग्राम प्रधान ने एक शौचालय के लिए अपनी क़ीमत 2000 बताई है, यानी 2000 दीजिये शौचालय की किश्त लीजिये. ऐसा भी नहीं कि पैसा मिलने के बाद गांव में शौचालयों का निर्माण कर दिया गया हो बल्कि यह तो बेईमानी भी ईमानदारी से नहीं करते, जिन शौचालयों को कागजों में दिखाया गया वह हक़ीक़त से कोसों दूर हैं. अभी तक इस प्रकार की शिकायत कई ग्राम प्रधानों के खिलाफ मिल चुकी हैं.
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि विकासखंड जखोली के अंतर्गत भरदार क्षेत्र पहुंचने पर स्थिति हैरान कर देने वाली थी. ग्राम पंचायत ढौण्डा पालीपुर में स्वजल परियोजना के तहत बनाये जा रहे शौचालयों के निर्माण में न केवल लेट-लतीफी थी बल्कि ग्रामीणों से ग्राम प्रधान द्वारा 2000 रुपये लिये जाने की शिकायत भी.
जिलाधिकारी ने कहा कि ग्राम पंचायत ढौण्डा में स्वजल विभाग के साथ ग्राम प्रधान ने माह 2017 में अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया था, जिसके अनुसार ग्राम प्रधान द्वारा 79 लाभार्थियों के शौचालयों का निर्माण कराया जाना था. इस कार्य के लिये ग्राम प्रधान के खाते में 4.74 लाख की धनराशि दी गई.
जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान से सभी 79 शौचालय दिखाने को कहा. जिलाधिकारी ने तीन घंटे तक लगभग 8 किमी की दूरी तय कर गांव के प्रत्येक घर का भ्रमण किया. भ्रमण के दौरान पता चला कि 79 शौचालयों में से मात्र 29 शौचालय ही बने हैं, बाकी 19 परिवार ऐसे दिखाये गये हैं जिन्होंने अभी तक शौचालय नहीं बनाये हैं. शेष 31 परिवारों के संबंध में ग्राम प्रधान कुछ भी बताने में असमर्थ रहा कि वो परिवार वास्तव में हैं भी या पलायन कर चुके हैं.
उधर ग्राम प्रधान ने घोषणा कर दी थी कि उनके द्वारा सभी 79 शौचालय बना दिये गये हैं. स्थानीय ग्रामीणों ने डीएम को बताया कि पहली किश्त का उन्हें छह हजार रुपए का भुगतान होना था, लेकिन प्रधान ने मात्र पांच हजार रुपए ही उन्हें दिए. सारी स्थिति जानने के बाद जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और सभी लाभार्थियों को उनका पूरा पैसा मिलेगा.
जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान को सख्त निर्देश दिए कि एक माह के भीतर गांव में सभी शौचालयों का निर्माण किया जाये और जितने भी परिवार शौचालयों का निर्माण कर रहे हैं, उन्हें मानकों के अनुरूप बारह हज़ार रुपए प्रति परिवार भुगतान किया जाये.