संवाददाता। आज साल का सबसे छोटा दिन, जबकि रात सबसे लंबी होगी। दरअसल, दिनरात का घटना-बढ़ना सामान्य प्रक्रिया है। पृथ्वी के अपने अक्ष मे 23.5 डिग्री झुकी होने के कारण यह अंतर आता है। विज्ञान के अनुसार अब सूर्य उत्तरायण हो जाएगा। दिनों के लिहाज से वर्ष में चार दिन महत्वपूर्ण होते है, जो समय की गणना करने में मददगार होते है। अब दिन की अवधि लंबी होनी शुरू हो जाएगी। यह क्रम अगले छह माह तक जारी रहेगा। इस बीच 21 मार्च को दिन व रात की अवधि बराबर हो जाएगी और 21 जून को वर्ष का सबसे लंबा दिन होगा। उसके बाद दिन छोटे होने शुरू हो जाएंगे और 21 सितंबर को पुन: रात व दिन बराबर हो जाएंगे।
दक्षिणी गोलार्ध मेसबसे लंबे दिन
इन दिनों दक्षिणी गोलार्ध में दिन लंबे हो रहे है। सूर्यदेव इन दिनों मकर रेखा के ऊपर विराजमान है। जिस कारण वहां मौसम गर्मी का है। उत्तरी गोलार्ध में सूर्य की किरणें तिरछी पड़ने के कारण मौसम सर्दी का है। आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे के अनुसार पृथ्वी के अपने अक्ष में झुकाव व सूर्य भ्रमण के कारण दिन-रात की प्रक्रिया होती है।
निश्चित दूरी के कारण जीवन संभव
पृथ्वी व सूर्य के बीच एक निश्चित दूरी होने के कारण धरती पर जीवन संभव हो सका है। ऐसी ही दूरी सूर्य व अन्य ग्रहों के बीच होती तो वहां भी मानव जीवन और पृथ्वी जैसा मौसम व वातावरण होता। भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बंगलुरू के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक प्रो. आरसी कपूर के अनुसार हमारे सौरमंडल के जो ग्रह सूर्य से जितनी दूर हैं, वह उतने ही ठंडे है और जो नजदीक है वह उतने की गर्म है। उन ग्रहों पर तापमान अनुकूल नहीं होने के कारण जीवन संभव नहीं हैं।