देहरादून- सूबे में 2968 आउटसोर्स कर्मचारियों ने फिलहाल सरकार को घुटनों के बल बैठने को मजबूर कर दिया है। दरअसल सूबे मे परिवहन निगम की लाज बचा रहे आउटसोर्स कर्मचारियों ने अपनी पांच सू्त्रीय मांगों को लेकर बीते रोज आधी रात को हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था।
जैसे ही सरकार ने मुलाजिमों का अटल निर्णय सुना सरकार के हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन में परिवहन मंत्री ने हल्द्वानी से परिवहन सचिव को फोन किया और अधिकारियों को मसले का समाधान ढूंढने का फरमान सुनाया।
जिस पर अमल करते हुए परिवहन सचिव सैंथिल पांडियन के कर्मचारी यूनियन से वार्ता की। बातचीत में निर्णय हुआ कि रोडवेज में अब कोई आउटसोर्सिंग नहीं होगी। जबकि जो 2968 कर्मचारी आऊटसोर्स के जरिए सूबे में परिवहन निगम का वजूद बचाए हुए हैं उन्हें विशेष श्रेणी कर्मचारी माना जाएगा और नए संविदा कर्मियों से वरिष्ठ माना जाएगा।
हालांकि ये फैसला हाईकोर्ट के निर्णय पर निर्भर करेगा। क्योंकि मामला हाईकोर्ट में भी लंबित है। नतीजतन हड़ताल पर आमादा यूनियन ने 21 अगस्त तक अपना हड़ताल का फैसला टाल दिया। जबकि अन्य मुद्दों पर 21 अगस्त को परिवहन सचिव के साथ वार्ता होगी।
बहरहाल 21 अगस्त तक के लिए सरकार की लाज बच गई है वरना 800 गाड़ियों के पहिए जाम हो जाते और अव्यवस्थाओं के चलते सरकार पर नकारा होने का ठप्पा लग जाता। खैर 21 दिन तक सरकार चैन से रह सकती है।