देहरादून- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार को केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा के राज्य वन सेवा 2015-17 बैच के अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए।
प्रशिक्षणार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए सीएम रावत ने कहा कि दीक्षांत समारोह का पल बहुत ही भावुक होता है, जहां एक और घर जाने की खुशी होती है वहीं दूसरी ओर साथियों से बिछड़ने का गम भी होता है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पर्यावरण जैसे संजीदा मुद्दे की बात की और इसे वैश्विक चिन्ता का विषय बताया। उन्होंने कहा कि भारत में प्रकृति को पूजा जाता है। परन्तु आज के दौर में प्रकृति का शोषण किया जा रहा है। उत्तराखण्ड एक ऐसा राज्य है जो जैव विविधता के क्षेत्र में बहुत ही सम्पन्न है। प्रकृति प्रेम हमारे रग-रग में बसा है। जनसंख्या के बढ़ने से हमारी प्रकृति में भी दबाव बढ़ता जा रहा है।
इस मौके पर सीएम ने उम्मीद जताते हुए कहा कि प्रशिक्षणार्थी अपनी हासिल तालीम को व्यवहारिकता में ढालकर प्रकृति को बचाने में मदद करेंगे। वहीं उन्होंने अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों को देश की समृद्ध वन सम्पदा हेतु भविष्य के रखवाले के रूप में उनकी निर्णायक भूमिका के बारे में समझाया।
दीक्षांत समारोह में सीएम ने ने सभी पास होने वाले अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों को डिप्लोमा प्रमाण-पत्र तथा विशेष योग्यता प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों को विशेष पुरस्कार प्रदान किये
इस सत्र में विभिन्न राज्यों के कुल 45 अधिकारियों ने ट्रैंनिंग ली जिनमें 11 महिला अधिकारी भी शामिल रही।