आतिश पराशर की इस स्टोरी में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के सेक्युलेरिज्म के सिद्धांतों की पृष्ठभूमि में नरेंद्र मोदी के कार्यकाल को आंका गया है। इस स्टोरी में नरेंद्र मोदी की भारत में हिंदू और मुसलमान को अलग अलग रखने की नीतियों की समीक्षा की गई है।
यही नहीं इस लेख में गुजरात दंगों का जिक्र भी किया गया है जिसमें सैंकड़ों लोग मारे गए थे।
इस आर्टिकल के चुनावी मौसम में छपने पर विवाद गहरा सकता है। हालांकि टाइम मैग्जीन इससे पहले भी नरेंद्र मोदी की आलोचना कर चुकी है। टाइम मैग्जीन नरेंद्र मोदी को मुस्लिम विरोधी और अति महत्वाकांक्षी बता चुकी है।