देहरादून। आउटसोर्स चालकों, परिचालकों और तकनीकी कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग को लेकर गुरुवार को हड़ताल पर गए रोडवेज कर्मियों ने देर रात मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद हड़ताल समाप्त कर दी। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रोडवेज की हड़ताल पर देर रात सचिवालय में आपात बैठक बुलाई थी। जिसमें उन्होंने एक हफ्ते में आउटसोर्स के सभी 3000 चालक, परिचालक और तकनीकी कर्मचारियों को विभागीय संविदा पर करने के आदेश दिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि इन कर्मचारियों के स्थायी नियमितीकरण को नियमावली बनाकर रोडवेज की बोर्ड बैठक में रखी जाए। इसी समझौते के साथ हड़ताल खत्म हुई। बैठक में मुख्य सचिव एस. रामास्वामी, सचिव वित्त अमित नेगी, रोडवेज के प्रबंध निदेशक बृजेश कुमार संत, महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन शामिल हुए। हड़ताली कर्मियों की तरफ से राज्यमंत्री एवं उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के संरक्षक सुशील राठी, महामंत्री अशोक चौधरी, केपी सिंह, हरेंद्र सिंह और विपिन कुमार मौजूद रहे। गौरतलब है कि रोडवेज में लंबे समय से करीब तीन हजार आउटसोर्स कर्मचारियों के विनियमितीकरण की मांग चल रही है। सितंबर में भी उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के बैनर पर आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री ने पहले ही दिन उन्हें मना लिया। आश्वासन दिया गया था कि इस मामले पर कैबिनेट बैठक में चर्चा होगी। पिछले दिनों दो बार कैबिनेट बैठक हुई, लेकिन मामला चर्चा में नहीं आया। इससे नाराज यूनियन ने 24 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान किया था। बुधवार को उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन ने भी हड़ताल को समर्थन दे दिया। रात तक रोडवेज प्रबंधन हड़ताली यूनियन से वार्ता में लगा रहा, लेकिन बात नहीं बनी।