देहरादून : किडनी कांड के तीन और आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनमें गंगोत्री चैरिटेबल हास्पिटल का दवा सप्लायर, गुजरात का एजेंट और अस्पताल के संचालक राजीव चौधरी की पत्नी शामिल हैं। अब तक किडनी खरीद-फरोख्त गिरोह के सरगना अमित और उसके भाई जीवन समेत आठ आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सरिता डोबाल ने बताया कि अभिषेक शर्मा पुत्र राधेश्याम शर्मा निवासी राजमंडी पहाड़ी बाजार कनखल (हरिद्वार) की गंगोत्री चैरिटेबल हास्पिटल में दवा की दुकान है। जिन मरीजों की किडनी ट्रांसप्लांट होती थी, उनके लिए दवाओं की खरीद-फरोख्त यहीं से होती थी।
10 सितंबर की रात अस्पताल में मौजूद किडनी कांड के सरगना अमित को भगाने में भी अभिषेक ने भूमिका निभाई थी। जिस लाल रंग की फोर्ड फिगो कार से अमित हरिद्वार होते हुए पंचकूला फरार हुआ था, वह कार अभिषेक की ही है।
एसपी ग्रामीण ने बताया कि इसके अलावा गुजरात में बतौर एजेंट काम करने वाले जगदीश कुमार पुत्र कांजी भाई निवासी मकान नंबर 62 विनायक रेजीडेंसी जिहाहु बुढिय़ा रोड पस्थन सूरत (गुजरात) को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
जगदीश गुजरात से एक दंपती समेत तीन लोगों को झांसे में लेकर किडनी बेचने के लिए देहरादून भेज चुका है। वहीं गंगोत्री चैरिटेबल हास्पिटल के संचालक और अमित को देहरादून लाने में अहम भूमिका निभाने वाले राजीव चौधरी की पत्नी अनुपमा चौधरी निवासी पी-1 नेचर विला लालतप्पड़ डोईवाला को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
तीनों गिरफ्तारियां देहरादून के पास डोईवाला स्थित लच्छीवाला फ्लाईओवर के पास से हुई हैं। इसी के साथ किडनी कांड फरार चल रहे आरोपियों राजीव चौधरी, सरगना अमित के बेटे डॉ.अक्षय राऊत के साथ ही गिरोह से जुड़े डॉ.संजय दास, चांदना गुड़िया की गिरफ्तारी के लिए एसओजी समेत पुलिस की पांच टीमें अलग-अलग स्थानों पर दबिश दे रही हैं।