बीते दिन गुरुवार को जामिया क्षेत्र में हुए गोलीकांड से हर कोई हैरान है तो वहीं पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर पुलिस जेवर निवासी नाबालिग की मंशा को क्यों नहीं भांप पाई जबकि नाबालिग लड़का सोशल मीडिया पर कई दिनों से भड़काऊ पोस्ट डाल रहा था। बता दें कि नाबालिग की पहचान 17 वर्षीय किशोर के रूप में हुई। वह ग्रेटर नोएडा के जेवर का रहने वाला है।
दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवालिया निशान हो रहे खड़े
वहीं फायरिंग मामले के बाद दिल्ली पुलिस पर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। कि आखिर नाबालिग के पास बंदूक कहां औऱ जामिया क्षेत्र तक कैसे आई, जबकि वहां भारी पुलिस फोर्स तैनात है और चेकिंग की जा रही है। उत्तर प्रदेश से दिल्ली में प्रवेश के दौरान यात्रियों व वाहनों की चेकिंग की जाती है लेकिन इस मामले को देखने के बाद लगता है कि चैकिंग नहीं की गई। वहीं दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था के लिए अलर्ट जारी किया गया है चप्पे-चप्पे पर पुलिस है तो कैसे नाबालिग पिस्तौल लेकर खुल्लम-खुल्ला फायर कर गया।
पोस्ट में लिखा- ‘जल्द दूंगा आजादी’
दरअसल मामला 29 जनवरी 2018 का है जब कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन नाम के लड़के की हत्या कर दी गई थी और इसी का बदला लेने के लिए नाबालिग ने फेसबुक पर भड़काऊ पोस्ट डाली थी लेकिन पुलिस औऱ कोई भी इसे जान नहीं पाया और हिंसा पैदा हो गई। सोशल मीडिया पर नाबालिग ने लिखा था कि 31 जनवरी तक मेरी पोस्ट को हल्के में मत लेना। चंदन भाई तुम्हारी हत्या का बदला लेना है। उसने ये भी लिखा था कि ‘जल्द दूंगा आजादी’। अगर उसे कुछ हो जाए तो उसके शरीर को भगवा कपड़े में लपेटा जाए।
बोला था-मुझे कॉल मत करो, टीवी चैनल पर देखों मैं क्या करने वाला हूं?
घटना को अंजाम देने से पहले नाबालिग फेसबुक पर लाइव था। फेसबुक पर वीडियो देख नजदीकियों ने उसे फोन कर कहा कि ऐसा गलत कदम मत उठाओ तो फोन उठाकर उसने सभी से कहा कि मुझे कॉल मत करो, टीवी चैनल पर देखों मैं क्या करने वाला हूं? मैं यहां अकेला हिंदू हूं। वहीं, एक करीबी ने बताया कि उसे काफी समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वह नहीं माना और गोली चला दी।
नाबालिग ने फेसबुक की एक पोस्ट में शाहीन बाग को शाहीन भाग लिखा था। उसने एक फेसबुक पोस्ट में शाहीन बाग के पास धरना दे रहे बुजुर्ग को फोटो भी पोस्ट किया था। इससे इस बात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता कि वह पहले शाहीन बाग गया। इसके बाद वह पुलिस सुरक्षा या अन्य किसी वजह से वहां से जामिया के पास पहुंच गया।