रुड़की : आईआईटी रुड़की के लिटरेचर एन्ड आर्ट्स फेस्टिवल 2019 में दिल्ली से आये ब्लूरोज़ ऑथर्स के विचारों को सुनकर आईआईटियन्स का उत्साह आसमां पर था। कश्मीर से आईं नूपुर संधू, पंजाब से सिमरनजीत कौर, हरियाणा से आशीष कश्यप मौजूद रहे। पुस्तक नुमि के लेखिका ने बताया कि वर्तमान समाज में साहित्य और युवा के बीच क्या तालमेल है, किस प्रकार परिस्थितियों से समझौता करके हम आगे बढ़ सकते हैं।
वहीं सिमरनजीत कौर ने भी युवा पीढ़ी के बारे में कई खास बातें बताई, जिससे आईआइटियन्स में एक नया जोश भर गया। परवाज़ एक पोएट्री इवेंट न बनकर एक ऐसे शाम बनी जिसमे युवा शक्ति देखने को मिली. युवा जोश देखने को मिला।
वहीं समझौता के लेखक आशीष कश्यप ने आईआईटीयन्स को बताया की प्रेम की कोई परिभाषा नहीं होती, प्रेम पवित्र होता है और यही बात आशीष कश्यप की आईआइटियन्स को भाई और उनका जोश देखते बनता था। ब्लूरोज़ पब्लिशर्स की ओर से दिल्ली से माधवी कार्यक्रम का हिस्सा बनी और उन्होंने हिंदी हाउस टीम के साथ कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने पर धन्यवाद दिया। हिंदी हाउस युवाहित के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए हिंदी हाउस की सराहना की।