स्यूण गांव के सरपंच हरीश राणा, कुलदीप नेगी, भरत सिंह व दशरथ सिंह ने बताया कि घिंघराण से स्यूण को जोड़ने वाला मोटर मार्ग बरसात में क्षति ग्रस्त हो रखा वहीं लदायूं गदेरे पर बना पैदल पुल 2013 की आपदा में क्षति ग्रस्त हो गया था जो अभी तक नहीं बन पाया है। बुधवार को गांव के रणजीत सिंह की अचानक तबीयत खराब हो गई। जिससे गांव के ही युवाओं ने कुर्सी पर लाद कर स्यूण से बेमरू तक पहुंचाया। बताया कि स्यूण से बेमरू तक आठ किमी पैदल दूरी है जहां से वाहन में बैठाकर युवक को गोपेश्वर जिला चिकित्सालय तक लाया गया है।
यह एक दिन का मामला नहीं है। उनके पाल्य जो बैमरू स्कूल में पढने आते है बरसात में लुदांउ गदेरे का जल स्तर बढ़ जाने के कारण स्कूल नहीं आ पाते है। कई बार इस संबंध में जिला प्रशासन से गुहार लगायी गई है लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा है। बरसात के कारण आजकल सड़क कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो रखी है जिस कारण वाहनों की आवाजाही ठप है। हालांकि स्यूण गांव तक वाहन जाते है लेकिन बरसात में सड़क अवरूद्ध होने से आजकल ग्रामीणों को पैदल ही आवाजाही करनी पड़ रही है।