रुड़की : उत्तराखंड के रुड़की में पॉलीटेक्निक की पढ़ाई कर रहे छात्र ने एक ऐसा गेजेट बनाया है जिससे पेपर लीक नहीं होगा और अगर कोई जबरदस्ती पेपर लीक करेगा तो उससे पहले पेपर जलकर खाक हो जाएंगे.
जी हां आपने पेपर लीक होने के कई मामले देखे या सुने होंगे. बस इसी को रोकर ने के लिए रुड़की में पढ़ने वाले छात्र राहुल पंवार ने एक खास तरह का सेफ्टी डाक्यूमेंट बॉक्स बनाया है। इस गैजेट की खासियत है कि इसे कोड नम्बर से ही खोला जा सकेगा या ब्लूटूथ से पेयर बनाकर भी इसे ऑपरेट किया जा सकता है। खास बात ये है कि अगर कोई चोरी छिपे या जबदस्ती से इस गैजेट के लॉक को खोलना चाहेगा तो इसके भीतर रखा हुआ पेपर जलकर नष्ट हो जाएगा।
उत्तरकाशी के रहने वाले हैं राहुल पंवार
हिंदुस्तान में छपी खबर के अनुसार राहुल पंवार उत्तरकाशी के रहने वाले हैं…जिनकी पिता किसान हैं और राहुल रुड़की में पॉलीटेक्निक में सिविल ट्रेड के अंतिम वर्ष के छात्र हैं। वह अब तक सेफ्टी डाक्यूमेंट बॉक्स समेत कई अन्य ऐसे खास उपकरण बना चुके हैं। जो आम लोगों के भी काम आ सकते हैं। इसे बनाने में सिर्फ 1500 रुपये खर्च आया है। अगर कोई कंपनी इस गैजेट को बनाए तो उसका खर्चा सिर्फ तीन हजार रुपये होगा। इसकी मरम्मत और इसे दोबारा प्रयोग किया जा सकता है। राहुल ने अपने इस खास उपकरण की उपयोगिता को देखते हुए इसका पेटेंट अपने नाम पर करा दिया है।
क्या आय ये गेजेट बनाने का ख्याल, बना चुके हैं खई रोबोट
दरअसल राहुल को ये गेजेट बनाने का ख्याल तब आया जब वो एक परीक्षा देने गए थे औऱ वो पेपर लीक हो गया था. ये बॉक्स खासतौर पर उत्तराखंड बोर्ड, अधीनस्थ चयन आयोग, लोक सेवा आयोग जैसी परीक्षा कराने वाली संस्थाओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। जहां पेपरों का ध्यान रखा जा सकेगा औऱ पेपर लीक होने से बचाया जा सकेगा. आपको बता दें इसके अलावा राहुल कई रोबोट भी बना चुके हैं.
बॉक्स कितनी बार और कब-कब खोला-बंद किया गया है इसका रिकार्ड रहेगा।
जहां मोबाइल सिग्नल पहुंचेंगे वहां ये बॉक्स बखूबी काम करेगा। अब इसके ऑफ लाइन वर्जन पर भी काम किया जा रहा है ताकि जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं है वहां भी ये उपकरण बखूबी काम कर सके। बॉक्स को कहीं भी लेकर जा सकते हैं। बॉक्स कितनी बार और कब-कब खोला-बंद किया गया है इसका रिकार्ड रहेगा.