उत्तराखंड लेखपाल पटवारी पेपर लीक मामला का खुलासा एक ‘डाक्टर’ के जरिए हुआ था। दरअसल एसटीएफ को पेपर लीक के बारे में शक हुआ तो शक के आधार पर जांच शुरु हुई। इसी शक के आधार पर एसटीएफ के सामने एक ‘डाक्टर’ का नाम आया।
एसटीएफ इस डाक्टर के पीछे पड़ी। पता चला कि ये डाक्टर कोई डाक्टर नहीं बल्कि डायलिसिस करने वाला संजीव नाम का एक युवक है जिसे लोग डाक्टर उपनाम से बुलाते हैं। इस ‘डाक्टर’ को तलाशते हुए एसटीएफ ज्वालापुर के एक अस्पताल पहुंची। वहां ये डाक्टर नहीं मिला। बाद में एसटीएफ इस डाक्टर के घर पर पहुंच गई। वहां ये ‘डाक्टर’ मिल गया।
एसटीएफ ने इस ‘डाक्टर’ का हल्का फुल्का ‘इलाज’ किया तो खुलासे होने लगे। इसी संजीव ने राजपाल के बारे में बताया। राजपाल एक स्कूल में टीचर है। दरअसल संजीव और राजपाल ने ही इस पेपर लीक को प्लान किया और इसके लिए उन्होंने आयोग में तैनात संजीव चतुर्वेदी से संपर्क किया। संजीव चतुर्वेदी की पत्नी का नाम भी सामने आया। इसके बाद एसटीएफ ने पूरे खेल पर से पर्दा उठा दिया। एसटीएफ ने अब तक इस मामले में 36 लोगों को रडार पर ले लिया है।