पौड़ी: देशभर में फंसे प्रवासियों को इन दिनों वापस उत्तराखंड लाया जा रहा है। प्रवासियों को सरकार सीधे उनके गांव पहुंचा रही है। गांव में उनको क्वारंटीन रहने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। बावजूद गांवों में सही ढंग से व्यवस्था नहीं बन पा रही है। गांवों में कोरोना का खतरा बना हुआ है। इस संभावित खतरे से निपटने के लिए ग्रामीण भी अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, पौड़ी जिले के बीरोंखाल में एक गांव नहीं, बल्कि पूरे विकासखंड ने अपने लिए कुछ नियम बनाए हैं, उनका पालन करने के बाद ही गांव में एंट्री मिल पाएगी।
क्षेत्र पंचायत प्रमुख की पहल पर ब्लॉक ने तय किया है कि विभिन्न राज्यों से घर वापसी करने वालों को तभी गांवों प्रवेश करने दिया जाएगा, जब वे 14 दिन की अवधि संस्थागत क्वारंटाइन में बिता लेंगे। ब्लॉक में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर नजर रखने के लिए अलग-अलग स्थानों पर छह चेक पोस्ट भी बनाई गई हैं। ब्लॉक की 97 ग्राम सभाओं में से 78 में 21 मार्च से नौ मई के बीच 1609 लोग बाहरी राज्यों से पहुंचे हैं। शुरुआती दौर में बाहर से आने वालों को होम क्वारंटाइन किया जा रहा था, लेकिन चार मई से प्रवासियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब ब्लॉक में संस्थागत क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया गया है।
अब बाहर से आने वाले सभी लोगों को राजकीय पॉलीटेक्निक बीरोंखाल में रखा जा रहा है। यहां उनके लिए हर तरह की व्यवस्था की जा रही है। क्षेत्र पंचायत प्रमुख राजेश कंडारी ने बताया कि पॉलीटेक्निक में तीन मैक्स वाहन लगाए गए हैं, जिनका कार्य बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों को उनके घरों तक छोड़ना होगा। साथ ही ग्राम प्रधानों को कहा गया है कि बाहर से आने वाले लोगों को को गांवों के स्कूल, पंचायत घर या महिला मिलन केंद्रों में संस्थागत क्वारंटाइन किया जाए।