बदलाव समय की जरूरत होते हैं। समय-समय पर नियम-कायदे बदलते भी रहते हैं। देश में चुनाव प्रक्रिया में भी अब तक कई बदलाव किए जा चुके हैं। ऐसे ही एक और बदलाव की तैयारी है। यह बदलाव आम चुनाव से जुड़ा नहीं है। संसद में आज राज्यपाल के चयन को लेकर अहम विधेयक पेश किया जा सकता है।
राज्यपाल की नियुक्ति इलेक्टोरल कॉलेज प्रक्रिया के तहत किए जाने को लेकर आज माकपा के राज्यसभा सांसद वी. शिवदासन विधेयक पेश करेंगे। इस विधेयक में कहा गया है कि राज्यपाल का चयन इलेक्टोरल कॉलेज प्रक्रिया के तहत किया जाए। इसमें विधानसभा के सदस्य, ग्राम पंचायत के चुने गए सदस्य और नगर निगमों के चुने गए सदस्य प्रतिभाग करें। अब तक की प्रक्रिया के अनुसार राष्ट्रपति राज्यपाल की नियुक्ति केंद्र सरकार की संस्तुति पर करते हैं।
ऐसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव
भारत के राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद-55 के अनुसार आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा होता है। राष्ट्रपति को भारत के संसद के दोनांे सदनों (लोक सभा और राज्य सभा) के साथ ही राज्य विधायिकाओं (विधान सभाओं) के निर्वाचित सदस्य चुनाव करते हैं। अगर किसी उम्मीदवार को बहुमत प्राप्त नहीं होता है तो एक स्थापित प्रणाली है, जिससे हारने वाले उम्मीदवारों को प्रतियोगिता से हटा दिया जाता है। उनको मिले मत अन्य उम्मीदवारों को तब तक हस्तान्तरित होते हैं, जब तक किसी एक को बहुमत नहीं मिलता।