बातें भ्रष्टाचार रोकने की और भवन कर 2014 से अब तक जमा नहीं कराया
ब्यूरो- बाते देश बदलने की और हकीकत ये है कि अपने दफ्तरों का भवन कर अब तक देहरादून नगर निगम को नहीं दिया। जी हां हम बात कर रहे हैं सूबे के सभी सियासी दलों के देहरादून में मौजूद दफ्तर भवनों की । व्यवसायिक श्रेणी में आने के बावजूद किसी भी राजनैतिक दल ने अपने कार्यालय भवन का टैक्स 2014 से अब तक नगर निगम को नहीं दिया है।
पूरे दो साल का किराया बकाया है बावजूद इसके सभी सियासी दल चुप्पी साधे बैठे हैं चाहे वो भाजपा हो या फिर कांग्रेस या सपा-बसपा, यूकेडी जैसे दल। भवन कर देने के मामले में सभी फिसड्डी हैं। हालांकि सभी के दफ्तर देहरादून में प्राइम लोकेशन पर मौजूद हैं। चाहे बसपा का गांधी रोड़ स्थित दफ्तर हो या सपा और भाजपा का परेड ग्राउंड दफ्तर और भाजपा का बलवीर रो़ड़ में मौजूद प्रदेश कार्यालय या फिर कांग्रेस का राजपुर रोड़ जैसी जगह मौजूद राजीव भवन। किसी भी सियासी दल ने 2014 से अपना भवन कर खुद जमा नहीं कराया। सबको नोटिस का इंतजार रहता है।
बहरहाल सुना है कि अब नगर निगम किसी को बख्शने के मूड़ में नहीं हैं। कर का चाबुक सभी दलों पर पड़ेगा। मेयर विनोद चमोली की माने तो सभी राजनैतिक दलों को भवन कर चुकाने का नोटिस भेजा जाएगा और उनसे कॉरपेट एरिया के हिसाब से कर वसूल किया जाएगा। इसके लिए निगम के कर अनुभाग को नोटिस भेजने के निर्देश दे दिए गए हैं।